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New Delhi. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को दोबार लागू करना एक गलत फैसला होगा। बता दें कि कुछ राज्यों ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की है तो कुछ इसकी घोषणाएं कर रहे हैं। सुब्बाराव ने कहा कि यह योजना लागू होने से आम जनता के पैसों का लाभ सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे राजकोष पर बुरा असर पड़ेगा।
डी सुब्बाराव बोले कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने से आम लोगों की आमदनी का बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मचारियों के एकाउंट में जाएगा। जबकि आम जनता में ज्यादातर के पास कोई विशेष सामाजिक सुरक्षा नहीं है। सीधे-सीधे कहा जाए तो आम जनता के टैक्स से पुरानी पेंशन योजना के रुपयों से सरकारी कर्मचारी मौज करेंगे।
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2004 में बंद हुई थी पुरानी पेंशन योजना
बता दें कि ओपीएस के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाती है। कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम प्राप्त वेतन के 50 फीसद राशि पाने का हकदार होता है। ओपीएस को अटल बिहारी सरकार ने 1 अप्रैल 2004 से बंद करने का फैसला लिया था। सुब्बाराव बोले कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने से राज्य और देश के खजाने पर दबाव बढ़ेगा। उधर नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने वेतन का 10 फीसद हिस्सा कटाते हैं जबकि सरकार 14 प्रतिशत का योगदान अपनी तरफ से देती है।
यहां शुरू हो रही पुरानी पेंशन योजना
बता दें कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार और पेंशन कोष नियामक समेत विकास प्राधिकरण को जानकारी भेजी है। वहीं इसके अलावा पंजाब,झारखंड और हिमाचल प्रदेश भी ओपीएस की ओर लौटने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना को चुनाव में जीत का कारगर मंत्र भी माना जा रहा है। जिसके चलते सरकारें यह कदम उठा रही हैं।