Rajasthan News: राजस्थान के कोटा से एक बार फिर छात्र सुसाइड (SUICIDE) की दुखद खबर सामने आई है। 25 साल के उज्ज्वल गुप्ता ने अपने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। उज्ज्वल बीटेक (B.Tech) पास कर चुका था और सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। परिवार का मानना है कि बेरोजगारी और तनाव के कारण उसने यह कदम उठाया। कोटा थर्मल पावर प्लांट में सहायक इंजीनियर में कार्य कर रहे उज्ज्वल के पिता ने बताया कि उज्ज्वल सरकारी नौकरी में जाना चाहता था लेकिन लगातार असफल होने के कारण काफी समय से डिप्रेशन में चल रहा था।
तीन दिन पहले 10 वीं के छात्र ने लगाई थी फांसी
तीन दिन पहले ही कोटा में 10वीं कक्षा के छात्र अनिकेश की भी सुसाइड की घटना सामने आई थी, जिसने 61% अंक प्राप्त करने की वजह से आत्महत्या कर ली थी। अनिकेश कोटा में अपनी मां के साथ रहता था और पढ़ाई कर रहा था। रिजल्ट के बाद मानसिक दबाव के चलते उसने फांसी लगा ली।
कोटा में छात्र सुसाइड के बढ़ते मामले
पिछले कुछ वर्षों में कोटा में छात्र सुसाइड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस साल पिछले पाँच महीनों में 14 घटनाएं सामने आई हैं। साल 2024 में 17 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 26 थी। जनवरी और फरवरी 2024 में भी कई छात्रों ने आत्महत्या की, जो चिंता का विषय है।
क्या कहना है विशेषज्ञों का
विशेषज्ञों के अनुसार आत्महत्या के पीछे बहुत सी वजह हो सकती हैं। जेनेटिक, पैरेंट्स की उम्मीदें, समाज का दवाब, शिक्षा प्रणाली और पियर प्रेशर जैसे कई कारक शामिल हैं।
- बच्चों को फेलियर या असफलता से निपटना नहीं सिखाया जाता, जिससे वे मानसिक दबाव में आ जाते हैं।
- प्रतियोगी परीक्षाओं को समाज में अत्यधिक महत्त्व मिलने से बच्चे यह मान लेते हैं कि उनकी पहचान केवल एक्जाम में सफलता से होती है।
- कॉपीकैट इफेक्ट की वजह से एक छात्र की आत्महत्या से प्रभावित होकर अन्य छात्र भी ऐसा कदम उठा सकते हैं। इसलिए, मीडिया और समाज को इस विषय पर संवेदनशीलता बरतनी चाहिए।
कोचिंग सेंटरों के लिए गाइडलाइंस
छात्र सुसाइड के बढ़ते मामलों के चलते शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। इसका उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
सुसाइड के प्रमुख कारण
- मानसिक दबाव
- पढ़ाई का तनाव, रिजल्ट की चिंता
- बेरोजगारी
- नौकरी ना मिलने की आशंका
- सामाजिक अपेक्षाएं
- माता-पिता और समाज की उच्च उम्मीदें
- असफलता से निपटना न सीखना
- फेलियर को अस्वीकार करने की मानसिकता
- किसी की सुसाइड से दूसरे प्रभावित होकर वही कदम उठाना
पैरेंट्स के लिए टिप्स