NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट आज यानी 10 फरवरी को गौतम अडाणी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में रिपोर्ट की जांच शीर्ष अदालत के एक रिटायर्ड जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है। विशाल तिवारी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने मामले को जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। विशाल तिवारी ने जनहित याचिका (PIL) में बड़े कारोबारी घरानों को दिए गए 500 करोड़ रुपए से ज्यादा लोन की मंजूरी की निगरानी को लेकर एक विशेष समिति गठित करने की भी मांग की है।
इससे पहले वकील एमएल शर्मा ने शीर्ष अदालत में एक और जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के शॉर्ट सेलर नाथन एंडरसन और भारत और अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से इन्वेस्टर्स का शोषण करने और अडाणी समूह के शेयरों के मूल्य को कृत्रिम तरीके से गिराने के लिए केस चलाने की मांग की गई थी।
क्या है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में?
हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें अडाणी समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई। गौतम अडाणी ब्लूमबर्ग बिलियनेयर लिस्ट में 21वें नंबर पर आ गए। हालांकि, अडाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह कानून और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।
दाऊदी बोहरा समुदाय मामले में भी सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच 10 फरवरी को इस पर अपना फैसला सुनाएगी कि क्या दाऊदी बोहरा समुदाय में पूर्व-संचार की प्रथा के खिलाफ याचिका को बड़ी बेंच के पास भेजने की जरूरत है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच को फैसला सुनाना है। इस पीठ में जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी भी शामिल हैं।