स्वाति मालीवाल ने धारा 164 के तहत दर्ज कराया बयान, विभव की बढ़ेंगी मुश्किलें

सांसद  स्वाति मालीवाल को लेकर दिल्ली पुलिस तीस हजारी कोर्ट पहुंच गई हैं, जहां CrPC की धारा 164 के तहत बयान को रिकॉर्ड किया गया। देश-दुनिया के बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम विभव कुमार के घर दबिश देने पहुंची,और उसे हिरासत में ले लिया गया।

Advertisment
author-image
Aparajita Priyadarshini
New Update
swati
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

स्वाति मालीवाल ने CrPC की धारा 164 के तहत दर्ज कराया बयान, समझें विभव कुमार की कैसे बढ़ सकती हैं मुश्किलें 

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामले को लेकर दिल्ली की राजनीति में हलचल मची हुई है ( swati maliwal news)। सांसद स्वाति मालीवाल को लेकर दिल्ली पुलिस तीस हजारी कोर्ट पहुंच गई है, जहां CRPC की धारा 164 के तहत बयान को रिकॉर्ड किया गया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम विभव कुमार के घर दबिश देने पहुंची और उसे हिरासत में ले लिया गया।

क्या है धारा 164 के तहत कानूनी प्रावधान

धारा 164 का बयान मजिस्ट्रेट के सामने लिया जाता है। मजिस्ट्रेट के सामने होने की वजह से इस बयान को झूठा नहीं बताया जा सकता। हां कुछ मामलों में ऐसा कहा जा सकता है कि पीड़िता ने ऐसा बयान मानसिक दबाव के कारण दिया है। लेकिन उस सिचुएशन में भी आपको इस बात को साबित करना होगा कि पीड़िता पर किसी प्रकार का मानसिक दबाव है। तभी वह आरोपी बच सकता है।

ये भी पढ़िए...

TV पर नहीं आएंगे कपिल शर्मा, कमी पूरी करेगा MP का ये इंदौरी छोरा...

क्यों महत्वपूर्ण है न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराना  

किसी भी मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने के दो कारण है-

1) न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करने के बाद, वो अपने बयान को बदल नहीं सकता।

2) संहिता की धारा 162 के तहत गवाह द्वारा दी गई जानकारी के संबंध में अभियोजन (prosecution) पक्ष से प्रतिरक्षा (immunity) प्राप्त करना। संहिता की धारा 164 के तहत गवाहों के बयान दर्ज करने का एक और कारण झूठी गवाही में शामिल होने के डर से गवाह द्वारा घटना और सबूतों को बदलने की संभावना को कम करना है।

धारा 164 के तहत कानूनी प्रावधान CrPC की धारा 164 की उपधारा 1 के तहत मजिस्ट्रेट को किसी व्यक्ति का बयान या उसका स्वीकारोक्ति दर्ज करने के लिए अधिकृत करती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मामले में उसके पास ज्यूरिसडक्शन है या नहीं। यदि उसके पास ऐसा अधिकार क्षेत्र नहीं है तो उपधारा (6) लागू होगी।

164 में जमानत कैसे मिलती है

धारा 164 में पीड़िता द्वारा दिया गया बयान जज के सामने होने के कारण सत्य माना जाता है। लेकिन कोर्ट के आदेश अनुसार इसे पूर्णरूप से ठोस सबूत नहीं माना जा सकता। केवल सबूतों के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है।

इसलिए यदि किसी व्यक्ति को 164 के केस में जमानत चाहिए, तो उसे यह साबित करना होगा कि पीड़ित द्वारा दिया गया बयान मानसिक दबाव में है या उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति सही नहीं है। केवल एक ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति को जमानत मिलना संभव है।

विभव कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 

दिल्ली की सिविल लाइन पुलिस ने केजरीवाल के पीए विभव के खिलाफ FIR दर्ज की। उसके बाद पुलिस की टीम निजी सचिव विभव कुमार के घर पहुंची और उसे  हिरासत में ले लिया गया। पुलिस जांच में सीएम आवास पर घटना के समय मौजूद अन्य लोगों से भी पूछताछ हो सकती है। इसके अलावा, घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस कब्जे में ले सकती है।

thesootr links

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

निजी सचिव विभव कुमार swati maliwal news धारा 164 Swati Maliwal video