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पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बादुरिया स्थित निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान के टीचर साबिर हुसैन ने पहलगाम आतंकी हमले (pahalgam attack के बाद इस्लाम धर्म त्यागने का निर्णायक कदम उठाया। उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी गहरी संवेदनाओं को एक वीडियो में व्यक्त किया और बताया कि वह इस निर्णय को लेकर शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।
साबिर हुसैन का यह कदम क्यों?
साबिर हुसैन ने अपनी वीडियो पोस्ट में कहा कि देश और विदेश में कई आतंकवादी हमले हो चुके हैं, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमला ऐसा था जिसने उन्हें हिला दिया। इस हमले में आतंकियों ने निर्दोष लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की, जिससे वह चकित और आहत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अब तक यह विश्वास था कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन पहलगाम की घटना ने इस धारणा को पूरी तरह से पलट दिया।
विज्ञान के टीचर ने जताई शर्मिंदगी
साबिर ने आगे कहा कि वह एक टीचर के तौर पर इस घटना से गहरी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी माना और बताया कि इस कारण उन्होंने इस्लाम धर्म त्यागने का कठिन फैसला लिया। वह इस निर्णय से किसी को आहत या परेशान नहीं करना चाहते हैं, बल्कि इसे एक व्यक्तिगत कदम के रूप में लिया है।
कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का आश्वासन
साबिर हुसैन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी भी धर्म की अपमान करना या समाज में नफरत फैलाना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह धर्म परिवर्तन के इस निर्णय को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही करेंगे। उनका यह कदम पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत विचार है, और किसी भी बाहरी दबाव के तहत यह निर्णय नहीं लिया गया है।
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साबिर हुसैन का बयान और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया
साबिर हुसैन का यह कदम समाज में कई सवाल उठा सकता है, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत अनुभव और आस्था का सवाल है। उन्होंने समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की भी अपील की है। उनका यह कदम भले ही कुछ लोगों के लिए विवादित हो, लेकिन उन्होंने इसे पूरी तरह से अपनी व्यक्तिगत आस्था और विश्वास से जुड़ा हुआ बताया है।
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