DELHI. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिजनों और रिश्तेदारों के आवास पर छापेमारी कर उनसे लंबी पूछताछ की। लालू प्रसाद की तीन बेटियों के अलावा बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर भी ईडी ने छापेमारी की और करीब 12 घंटे तक परिजनों से पूछताछ की। अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि लंबी पूछताछ की वजह से तेजस्वी यादव की गर्भवती पत्नी को ब्लड प्रेशर (बीपी) की दिक्कत हो गईं और वह बेहोश हो गईं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तेजस्वी की पत्नी राजश्री को बीपी की दिक्कत होने लगी और वह बेहोश होकर गिर पड़ीं।
लालू यादव ने आपातकाल से की तुलना
शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में ईडी ने लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ-साथ बेटियों चंदा, हेमा और रागिनी के यहां भी छापेमारी की। लालू प्रसाद यादव ने ईडी की इस छापेमारी की तुलना आपातकाल से करते हुए कहा था, 'हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है। हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी। आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ED ने 15 घंटों से बैठा रखा है। क्या इतने निम्न स्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी?'
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बेटी बोलीं- इस न्याय को रखेंगे याद
लालू प्रसाद यादव की सिंगापुर में रहने वाली बेटी रोहिणी आचार्य भी ईडी द्वारा तेजस्वी यादव के घर पर की गई छापेमारी से बेहद नाराज दिखीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकालते हुए कहा, 'हम इस अन्याय को याद रखेंगे। सब कुछ याद रखा जाएगा। मेरी बहनों के छोटे बच्चों ने क्या अपराध किया है? मेरी गर्भवती भाभी ने क्या अपराध किया है? सभी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा है? सभी को आज सुबह से प्रताड़ित किया जा रहा है। एकमात्र इन लोगों का अपराध यह है कि लालू-राबड़ी परिवार फासीवादियों और दंगाइयों के सामने कभी नहीं झुका। इसका जवाब समय आने पर मिलेगा। अब यह सब असहनीय होता जा रहा है।' वहीं जेडीयू नेता ललन सिंह ने इस छापेमारी की आलोचना करते हुए कहा, 'गर्भवती महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ इस तरह का निर्मम आचरण देश में पहली बार हुआ है, देश इसको याद रखेगा। दमन चाहे जितना कर लें, 2024 में देश भाजपा मुक्त होगा।'
जांच एजेंसियां कर रही हैं पूछताछ
आपको बता दें कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में ईडी और सीबीआई लगातार लालू परिवार से पूछताछ कर रही है। लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और बड़ी बेटी को समन मिलने के बाद 15 मार्च को सीबीआई की विशेष अदालत में खुद पेश होना है। इस सप्ताह की शुरुआत में सीबीआई ने इस मामले में लालू और राबड़ी से क्रमश: दिल्ली और पटना में कई घंटों तक पूछताछ की थी।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम
लैंड फॉर जॉब स्कैम करीब 14 साल पुराना केस है। तब केंद्र में यूपीए सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं।