सांसद बनेंगी प्रियंका, वायनाड से जीत के बाद गांधी परिवार से 3 सांसद

राहुल ने लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और रायबरेली सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद वे रायबरेली सीट से संसद में गए और वायनाड सीट छोड़ी थी। अब वायनाड सीट से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाकर उतारा है...

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Ravi Kant Dixit
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भारतीय राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का हमेशा से अच्छा खासा दखल रहा है। डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय प्रियंका गांधी वाड्रा अब अपने भाई व सांसद राहुल गांधी की सीट वायनाड से चुनाव लड़ रही है। रुझानों में वे जीत की ओर बढ़ रही हैं। उनकी लीड इतनी है कि प्रतिद्वंदी उनके आसपास भी नहीं है।

राहुल ने लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और रायबरेली सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद वे रायबरेली सीट से संसद में गए और वायनाड सीट छोड़ी थी। अब वायनाड सीट से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाकर उतारा है। 

इसी के साथ सांसद का चुनाव लड़ने वाली प्रियंका नेहरू-गांधी परिवार की 10वीं सदस्य हैं। इससे पहले इस परिवार से 9 नेता सांसद बन चुके हैं। प्रियंका के वायनाड से चुनाव जीतने के बाद नेहरू-गांधी परिवार से एक सदस्य और जुड़ जाएगा। खास बात यह भी है कि प्रियंका की मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी पहले से सांसद हैं। 

वरुण को टिकट नहीं मिला, मेनका चुनाव हारीं

सबसे नाता-सबसे प्यार... मां मेनका के लिए सुल्तानपुर में प्रचार करेंगे वरुण  गांधी | Varun Gandhi to campaign for his mother Maneka Gandhi sultanpur lok  sabha seat

इससे पहले 17वीं लोकसभा में भी गांधी परिवार के चार सदस्य संसद सदस्य थे। इनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मेनका गांधी और वरुण गांधी का नाम शामिल है। इस बार बीजेपी ने वरुण को टिकट दिया नहीं और मेनका चुनाव हार गई हैं। 

प्रियंका के लिए कांग्रेस ने वायनाड ही क्यों चुना?

Rahul Gandhi to retain Rae Bareli Lok Sabha seat, Priyanka to contest  Wayanad bypoll – India TV

1. मजबूत जनाधार : वायनाड से राहुल गांधी ने 2019 में चुनाव लड़ा और जीता था। 2024 में भी वे यहां से सांसद बने हैं। उनकी बड़ी जीत के बाद यह सीट कांग्रेस के लिए एक सुरक्षित और समर्थन वाला निर्वाचन क्षेत्र बनी। 
2. दक्षिण भारत में प्रभाव : कांग्रेस दक्षिण भारत में अपने प्रभाव को मजबूत करना चाहती है और प्रियंका गांधी जैसी प्रमुख नेता का चुनाव लड़ना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। 
3. सुरक्षित सीट : वायनाड को कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट माना जा सकता है। यह कदम कांग्रेस की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, ताकि पार्टी को दक्षिण भारतीय राज्यों में और मजबूती मिले। 

नेहरू-गांधी परिवार से कौन-कौन बने सांसद

1. जवाहरलाल नेहरू : भारत के पहले प्रधानमंत्री, वे स्वतंत्रता के बाद लगातार संसद सदस्य बने रहे।
2. इंदिरा गांधी : जवाहरलाल नेहरू की पुत्री, वे प्रधानमंत्री बनने से पहले और बाद में लोकसभा सदस्य रहीं।
3. फिरोज गांधी : इंदिरा गांधी के पति, वे लोकसभा सदस्य रहे।
4. राजीव गांधी : इंदिरा गांधी के पुत्र, वे प्रधानमंत्री बने और सांसद रहे।
5. सोनिया गांधी : राजीव गांधी की पत्नी, वे 1999 से लगातार लोकसभा सदस्य रही हैं।
6. संजय गांधी : इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र, वे भी सांसद बने।
7. राहुल गांधी : सोनिया गांधी और राजीव गांधी के पुत्र, वे 2004 से लगातार लोकसभा सदस्य हैं।
8. मेनका गांधी : संजय गांधी की पत्नी मेनका बीजेपी से सांसद रही हैं। 
9. वरुण गांधी : संजय गांधी और मेनका गांधी के पुत्र, वे भी सांसद रहे हैं। 
10. प्रियंका गांधी : प्रियंका अब वायनाड से उपचुनाव में जीत की ओर अग्रसर हैं। 

उमा नेहरू और अरुण नेहरू भी सांसद रहे

इस परिवार के विस्तार की बात करें तो कहानी बदल जाती है। दरअसल, जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू के भाई नंदलाल नेहरू की बहू उमा नेहरू सीतापुर से दो बार सांसद रहीं। उमा नेहरू के पोते अरुण नेहरू पहले कांग्रेस से रायबरेली से और फिर जनता दल से बिल्हौर से सांसद रह चुके हैं।

राजनीति में इनकी जोड़ी भी रही हिट 

सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर (पति-पत्नी)

Lok Sabha election results 2019: Sukhbir Singh Badal and Harsimrat Kaur  Badal win, increase Akalis Dal's morale - Hindustan Times

पंजाब की राजनीति में शिरोमणि अकाली दल का प्रभाव फिर साबित हुआ, जब पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने फिरोजपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। उनके साथ, उनकी पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने बठिंडा से चुनाव जीती थीं। 

मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (पिता-पुत्र)

How Will Affect The Death Of Mulayam Singh To Samajwadi Party? Know What Akhilesh  Yadav Will Do Next - Amar Ujala Hindi News Live - Mulayam Singh Yadav:मुलायम  सिंह के निधन से

समाजवादी पार्टी ने यादव परिवार की विरासत को बनाए रखते हुए लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से जीत दर्ज की थी, जबकि उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने संसद में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व किया। 

हेमा मालिनी और सनी देओल (मां-बेटा)

जब गुस्से में सनी देओल ने कर दी थी हेमा मालिनी की पिटाई ! मां प्रकाश कौर ने  बताई थी सच्चाई | when sunny deol went fight with hema know what is

फिल्मी पर्दे से संसद तक का सफर तय करने वाली हेमा मालिनी ने मथुरा से सांसद रहीं, जबकि उनके बेटे सनी देओल ने गुरदासपुर से अपनी पहली चुनावी पारी में शानदार प्रदर्शन किया। मां-बेटे की यह जोड़ी भी संसद की दहलीज तक पहुंच चुकी है। हालांकि ये बात अलग है कि सनी की संसद में उपस्थिति कम रही थी। 

पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान (चाचा-भतीजा)

भतीजे का भरोसा नहीं...', पशुपति कुमार पारस की BJP को सलाह, चिराग पासवान को  बताया ऐसा 'हनुमान' - Pashupati Kumar Paras advice to BJP Nephew Chirag  Paswan is not trusted called him

लोक जनशक्ति पार्टी में रामविलास पासवान की अनुपस्थिति में उनके भाई पशुपति कुमार पारस ने हाजीपुर से जीत दर्ज की थी, जबकि चिराग पासवान ने जमुई से अपनी सफलता को दोहराया था। पिता-पुत्र की जोड़ी की जगह संसद में चाचा-भतीजे की यह नई साझेदारी नजर आती थी।

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