MUMBAI. साल का दूसरा महीना यानी फरवरी कपल्स के लिए बहुत ही खास होता है। वैलेंटाइन वीक चल रहा है। वैलेंटाइन वीक, जिसे लव वीक भी कहा जाता है, साल का सबसे रोमांटिक वीक माना जाता है। वैलेंटाइन डे प्यार करने वालों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन को हर प्यार करने वाला सेलिब्रेट करना चाहता है। सात दिनों तक चलने वाले इस वैलेंटाइन वीक का हर दिन अपने पार्टनर के और भी करीब आने का मौका देता है। वैलेंटाइन वीक पर बहुत से दिल जुड़ते है तो वहीं कई लोगों का ब्रेकअप हो जाता है। वैलेंटाइन डे पर आप भी अपने पार्टनर को दिल की बात कह सकते हैं। वैलेंटाइन वीक का आखिरी दिन वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को होता है। वैलेंटाइन डे के दिन को लोग अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट करते हैं। पूरा दिन अपने साथी के साथ स्पेंड करते हैं। कपल्स एक-दूसरे को गिफ्ट देकर स्पेशल फील कराते हैं। वैलेंटाइन वीक की अहमियत सिर्फ गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड या कपल्स के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे इंसानी रिश्तों के लिए भी है।
संत वेलेंटाइन ने की थी वैलेंटाइन डे की शुरुआत
बहुत कम लोग जानते होंगे की पहली बार वैलेंटाइन डे किसने मनाया था। अगर नहीं जानते है तो आइए आपको बताते है। दरअसल एक रोमन पुजारी संत वेलेंटाइन ने इसकी शुरुआत की थी।
कब से मनाया जाता है वैलेंटाइन-डे
कहा जाता है कि 496 में पहला वैलेंटाइन-डे मनाया गया था। इसके मुताबिक वैलेंटाइन-डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई थी। 5वीं शताब्दी के अंत तक, पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन-डे घोषित कर दिया था, तभी से यह मनाया जाने लगा।
संत वैलेंटाइन की हत्या क्यों करवाई गई थी?
वैलेंटाइन डे की कहानी रोम के एक संत पर आधारित है, जिनका नाम संत वेलेंटाइन था। 270 ईसवी में रोम के राजा क्लाउडियस प्यार के बिल्कुल खिलाफ थे। वह लव मैरिज का भी पुरजोर विरोध करते हैं। संत वैलेंटाइन एक पादरी थे, जो रोमन सैनिकों की गुप्त तरीके से ईसाई परंपरा के अनुसार, शादी करने में मदद कर रहे थे। जबकि, उस दौर में रोमन सैनिक शादी नहीं कर सकते थे। इसके अलावा, वो सैनिकों के बीच ईसाई धर्म का प्रचार भी कर रहे थे। ये उस समय के कानूनों के हिसाब से गलत था। क्लाउडियस का मानना था कि, प्रेम को बढ़ावा देने से रोम के सैनिकों का ध्यान भंग होने लगेगा। अगर ऐसा हो जाता है तो रोम की सेना काफी कमजोर हो जाएगी। इसके बाद क्लाउडियस ने सैनिकों के शादी करने पर भी पाबंदी लगा दी थी। लेकिन संत वेलेंटाइन ने राजा के खिलाफ जाकर कई शादियां करवाई। इस बात से गुस्सा होकर राजा ने संत वेलेंटाइन को फांसी की सजा सुना दी। फांसी की तारीख 14 फरवरी तय की गई। उस दिन से पूरी दुनिया में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है।
सजा को काटने के दौरान जेलर की बेटी से हुआ प्यार
इस सजा को काटने के दौरान उन्हें जेलर की बेटी से प्यार हो गया। जेल के अंदर वैलेंटाइन अपनी मौत की डेट का इंतजार कर रहे थे। रोम के लोगों का कहना था की वैलेंटाइन के पास एक दिव्य शक्ति थी, जिससे वो लोगों को रोगों से मुक्ति दिला सकते थे। जेलर की एक अंधी बेटी थी और उसे वैलेंटाइन के पास बसी जादुई ताकात के बारे में पता था इसलिए उसने वैलेंटाइन से मदद मांगी। वैलेंटाइन ने जेलर की अंधी बेटी की आंखों को अपनी शक्ति से ठीक कर दिया। उस दिन के बाद से वैलेंटाइन और जेलर की बेटी दोस्त बन गए। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। लेकिन
वैलेंटाइन मौत की सजा के लिए 14 फरवरी का दिन तय किया गया। संत वैलेंटाइन ने जेलर की बेटी को अपने हाथों से साइन किया हुआ आखिरी खत भेजा। खत में लिखा था, 'तुम्हारे वैलेंटाइन की तरफ से।