देश के राष्ट्रीय राजमार्गों ( national highways ) पर टोल की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है। इसके मुताबिक उपभोक्ता नेशनल हाईवेज पर जितनी दूरी तक का सफर करेंगे, उतना ही उन्हें टोल टैक्स चुकाना होगा। इसके लिए राजमार्गों पर हाई रेजोल्यूशन कैमरे लगाए जा रहे हैं जो दूरी की निगरानी करेंगे।
कब से होगा शुरू
नई व्यवस्था देश के 9 रूट्स पर दिसंबर से लागू की जाएगी। जानकारी के मुताबिक ये एक पायलट प्रोजेक्ट होगा। हालांकि अभी तक टोल गेट पार करते ही पूरे स्ट्रैच के लिए कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन नई व्यवस्था जीपीएस टोल सिस्टम ( GPS Toll System ) से अलग होने वाली है और इसमें किस वाहन ने नेशनल हाईवेज पर कितनी दूरी तय की है उसी हिसाब से टोल कटेगा।
20 किमी के लिए टोल नहीं
बता दें कि इस व्यवस्था में वाहन में जीपीएस की जरूरत नहीं होगी जो वाहन जीपीएस सिस्टम से जुड़े होंगे, उन्हें पहले 20 किमी की दूरी के लिए टोल टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन इसके बाद दूरी के हिसाब से ही टोल लगेगा। वहीं नई व्यवस्था में जिन वाहनों में जीपीएस नहीं है, उनके लिए कैमरे की निगरानी में दूरी के हिसाब से टोल चार्ज किया जाएगा।
बाद में पैसा मिलेगा वापस
इस व्यवस्था के मुताबिक फास्ट टैग से पूरा पैसा काट लिया जाएगा। इसे बाद में बचा हुआ पैसा वापस होगा। यानी कि नई व्यवस्था में जैसे ही एक टोल से दूसरे टोल के बीच जितने किलोमीटर पर वाहन राजमार्ग से हटेंगे, वह कैमरे में दर्ज हो जाएगा और दूसरे टोल के लिए दी गई राशि में से बाकी किलोमीटर का पैसा माइनस होकर फास्टैग अकाउंट ( fastag account ) में 24 घंटे में वापस आ जाएगा।
कहां- कहां लागू होगी व्यवस्था
जानकारी के मुताबिक यह नई व्यवस्था बिहार, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत 9 राज्यों से गुजरने वाली एनएच के कुछ खंडों पर लागू की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह नई व्यवस्था उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगी और टोल संग्रहण में पारदर्शिता लाएगी।
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