BHARATPUR. राजस्थान के भरतपुर में बुधवार, 12 अप्रैल की रात मूर्ति लगाने को लेकर दो पक्षों विवाद हो गया। जाट समाज के लोगों ने चक्का जाम कर पुलिस की गाड़ियों पर जमकर पथराव किया और आगजनी की। पुलिस ने स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। फिलहाल क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी है। यहां बता दें, कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने अंबेडकर की मूर्ति लगाने का ऐलान किया था और उसके लिए 14 अप्रैल की तारीख तय हुई थी, लेकिन जाट समाज भरतपुर के स्थापक महाराज सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहा था। बस, यही विवाद की जड़ है।
क्या है मामला?
दरअसल, विधानसभा चुनाव को देखते हुए भरतपुर में मूर्ति लगाने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। यहां नदबई से कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने अंबेडकर की मूर्ति लगाने का ऐलान किया था। वहीं, जाट समाज भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में जाट समाज के लोग विधायक के खिलाफ बुधवार, 11 अप्रैल को धरने पर बैठ गए। इसके बाद जाट समाज के लोगों ने चक्का जाम कर दिया। धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी उपद्रव करने लगे। यहां आगजनी की गई और जब प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस पहुंची, तो गाड़ियों पर पथराव किया गया। इसके बाद पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों और दुकानों में आग लगी दी थी।
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14 अप्रैल को लगनी थी मूर्ति
नदबई विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले एक चौराहे पर 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई जानी थी, लेकिन 12 अप्रैल की शाम को ही जाट समुदाय के लोग यहां इकट्ठा हो गए और चक्का जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया गया और आगजनी भी की गई। पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी। इसके बाद प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने आ गए।
प्रदर्शनकारियों ने मोदी के मंत्री की भी नहीं मानी गई बात
बवाल को देखते हुए मोदी कैबिनेट के मंत्री विश्वेंद्र सिंह और तमाम प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। विश्वेंद्र सिंह खुद राजपरिवार के सदस्य हैं। इसके बावजूद लोगों ने उनका ही विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान जाट समाज द्वारा राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की गई।
तीन चौराहों पर लगनी हैं मूर्तियां
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में नदबई विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने तीन चौराहों पर तीन मूर्तियां लगवाने का ऐलान किया था। जोगेंद्र सिंह बसपा से चुनाव जीते थे, बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। जो तीन मूर्तियां लगाई जानी हैं, उनमें एक भीमराम अंबेडकर की, दूसरी महाराजा सूरजमल की और तीसरी भगवान परशुराम की मूर्ति लगाई जानी है। भरतपुर देहरा मोड़ से नदबई वाले रास्ते पर बेलारा चौराहे पर जाट समाज के लोग महाराजा सूरजमल की मूर्ति स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन वहां भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने का फैसला कर चुका है। इसे लेकर ही विवाद हुआ।