तीन जासूस इंडियन आर्मी कैंपों की करते थे रेकी, कोर्ट ने कहा- भारत में रहते हैं लेकिन प्रेम पाकिस्तान से, तीनों को उम्रकैद

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Chakresh
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तीन जासूस इंडियन आर्मी कैंपों की करते थे रेकी, कोर्ट ने कहा- भारत में रहते हैं लेकिन प्रेम पाकिस्तान से, तीनों को उम्रकैद

Ahmedabad भारत में आए दिन जासूसी के कई मामले सामने आते हैं, लेकिन यह मामला अलग ही था। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले तीन दोषियों को अहमदाबाद की सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि तीनों भारत में रहते थे, लेकिन उनका प्रेम और देशभक्ति पाकिस्तान के लिए थी। जानकारी अनुसार, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 2012 में सिराजुद्दीन अली फकीर, मोहम्मद अयूब और नौशाद अली को गिरफ्तार किया था। तब सिराजुद्दीन की उम्र 24, जबकि अयूब और नौशाद की 23-23 साल की थी। तीनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) तक इंडियन आर्मी की सीक्रेट इन्फॉर्मेशन पहुंचाते थे। तीनों आरोपियों में से दो आरोपी अहमदाबाद के जमालपुर और नौशाद अली राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है।



कोर्ट ने फांसी की मांग खारिज की

एडिशन सेशन जज अंबालाल पटेल की अदालत ने मौत की सजा के लिए सरकारी वकील की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि तीनों का अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में नहीं आता है। 



14 साल कठोर कारावास भी

अदालत ने तीनों को IPC की धारा 121, 121 (A) और 120 (B) और IT अधिनियम की धारा 66 (F) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत 14 साल का कठोर कारावास और IPC की धारा 123 के तहत 10 साल जेल की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।



कराची में मिले थे ISI एजेंट से

सरकारी वकील भरत पाटनी ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने कुल 75 गवाहों से पूछताछ की। क्राइम ब्रांच की जांच के मुताबिक अहमदाबाद के जमालपुर का रहने वाला आरोपी सिराजुद्दीन 2007 में पाकिस्तान के कराची गया था, जहां उसकी मुलाकात तैमूर नाम के ISI एजेंट से हुई थी। इसके बाद उसने मोहम्मद अयूब को अपने साथ मिला लिया था, वहीं राजस्थान का नौशाद अली 2009 में पाकिस्तान पहुंचा था, जहां उसकी ISI​​​​​​ एजेंट ताहिर से मुलाकात हुई थी।



ई-मेल के ड्राफ्ट में सेव कर देते थे मैसेज

क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में बताया कि पाकिस्तान तक अपने मैसेज भेजने के लिए तीनों को kapoor201111@yahoo.com और nandkeshwar@yahoo.com. नाम के दो फेक आईडी और इनके पासवर्ड दिए गए थे। आरोपी इन मेल में अपने मैसेज ड्राफ्ट में सेव कर देते थे। वहीं, दूसरी ओर पाक खुफिया एजेंसी के एजेंट मेल ओपन कर ड्राफ्ट मैसेज निकाल लेते थे।



सऊदी से आते थे पैसे

क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ था कि आरोपी सिराजुद्दीन फकीर, मोहम्मद अयूब, नौशाद अली भारतीय आर्मी से जुड़ी कई अहम जानकारियों के अलावा, सीमा पर भारतीय चौकियों के नक्शे भी भेजा करते थे। आरोपी राजस्थान के जोधपुर, अहमदाबाद, गांधीनगर और कच्छ में मिलिट्री कैंप की रेकी कर आर्मी के मूवमेंट, नक्शे समेत जानकारियां जुटाया करते थे। जासूसी के एवज में इन्हें सऊदी के एक एजेंट के जरिए पैसे पहुंचाए जाते थे।

 


India's espionage three Muslim youths were punished Ahmedabad police arrested them in 2012 all three residents of Ahmedabad-Jodhpur भारत की जासूसी तीन मुस्लिम युवकों को सजा 2012 में अहमदाबाद पुलिस ने किया था गिरफ्तार तीनों अहमदाबाद-जोधपुर के निवासी