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DEHRADUN. उत्तराखंड का जोशीमठ भू-धंसाव संकट का सामना कर रहा है। शहर के 700 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं। कुछ होटलों समेत घरों को गिराया जाना है। लोगों को सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है। लोगों को डेढ़ लाख रुपए मुआवजा देने की बात की गई है, जिसका काफी विरोध हो रहा है। इस बीच पुष्कर सिंह धामी सरकार लोगों को बड़ी राहत दे सकती है। 13 जनवरी को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में जोशीमठ के भविष्य को लेकर रोडमैप जारी किया जाएगा। सरकार की कवायद नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाने की है।
शहर बसाने के लिए जमीन की तलाश शुरू
12 जनवरी को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर पर जोशीमठ के ताजा हालात की जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन ने भी नया शहर बसाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। यह भी तय किया जाएगा कि साथ ही नया जोशीमठ कहां बसाया जाएगा। फिलहाल कुछ सरकारी जमीनों को चिन्हित किया गया है। जीएसआई की ओर से इन जमीनों का भूमि सर्वेक्षण और भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। उधर, नया जोशीमठ बसाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सरकारी भूमि को खंगाला जा रहा है। इस काम में राजस्व से लेकर पालिका और ब्लॉक अफसरों, कर्मियों को लगाया गया है।
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यहां बसाया जा सकता है नया जोशीमठ
जोशीमठ शहर के ठीक ऊपर कोटीबाग में उद्यान विभाग की करीब 5 हेक्टेयर जमीन है। इसी तरह मलारी रोड पर ढाक गांव में एनटीपीसी की जमीन है। औली के पास कोटी फार्म की भूमि के अलावा पीपलकोटी, गौचर, गैरसैंण तक सरकारी भूमि की तलाश की जा रही है। जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र के सभी मकानों का मेजरमेंट किया जा रहा है। इसके बाद पुनर्वास वाली जगह पर एक राय बनाई जाएगी।
डेटा बेस तैयार होगा
जोशीमठ शहर का हाईरेज्योलूशन मैपिंग डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इस काम को जीएसआई कर रहा है। संस्थान के डायरेक्टर डॉ. प्रसून जाना ने बताया कि अभी तक उनके पास एक बाई 10 हजार रेजुलेशन के मैप हैं, जबकि नई मैपिंग एक बाई एक हजार के रेजुलेशन पर की जाएगी। हाई रेजुलेशन मैप मिलने से जोशीमठ शहर में आपदा प्रबंधन के साथ नए जोशीमठ को बसाने में मदद मिलेगी।
वहीं चमोली कलेक्टर हिमांशु खुराना का कहना है कि प्रभावित परिवारों के सुझाव पर ही सरकारी जमीन का चयन किया जाएगा। स्थानीय लोगों की ओर से भी भूमि का सुझाव दिया जा रहा है। जिस जमीन का चयन होगा, वहां भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाएगा, इसी के बाद वहां लोगों को बसाया जाएगा।