वंदे भारत ट्रेनों का स्लीपर संस्करण 15 अगस्त से पहले लॉन्च होने वाला है। ट्रेन पटरियों पर उतरने के बाद परीक्षण से गुजरेगी और छह महीने के भीतर ही देशवासी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में सफर का आनंद उठा सकेंगे।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार भारत में निर्मित ट्रेन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और वर्तमान में इसे शुरू करने की तैयारी में अंतिम समायोजन ( Adjustment ) किया जा रहा है।
जानें कैसी है ट्रेन
वंदे भारत अर्ध-उच्च गति वाली स्वदेशी ट्रेनें हैं, इन ट्रेनों ने नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकालों के दौरान सुर्खियाँ बटोरी हैं।
हालांकि ये ट्रेनें चेयर कार सुविधाओं के साथ कई मार्गों पर सफलतापूर्वक चल रही हैं। इसी के साथ इसके अधिकारियों ने कहा कि स्लीपर संस्करण लंबी दूरी के मार्गों पर ट्रेनों को लॉन्च करने की आवश्यकता है।
कितने होंगे कोच
जानकारी के मुताबिक स्लीपर संस्करण 16 कोच वाली ट्रेन होगी। इसमें चार बोगियों की एक इकाई होगी। इसमें सेंसर-आधारित लाइटिंग, कैमरे, शोर इन्सुलेशन, खिड़कियां, बायो-वैक्यूम शौचालय और अन्य सुविधाओं जैसे उन्नत नियंत्रण के साथ सभी बुनियादी सुविधाएँ होंगी।
अधिकारियों का कहना है कि फर्स्ट एसी के यात्रियों को पहले कभी नहीं देखी गई सेवाओं का अनुभव होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा साझा की गई अवधारणा तस्वीरों से पता चलता है कि वंदे भारत के स्लीपर संस्करण में आराम भारतीय रेलवे की पारंपरिक ट्रेनों की तुलना में अगले स्तर पर होगा।
सीट कुशन, ऊपरी बर्थ के लिए सीढ़ी और पैर रखने की जगह कुछ ऐसे कारक हैं जिन्हें स्थानों को डिजाइन करते समय ध्यान में रखा गया है।
100 दिवसीय योजना का हिस्सा
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें भी मोदी सरकार 3.0 की 100 दिवसीय योजना का हिस्सा हैं। मंत्री अश्विनी वैष्णव व्यक्तिगत रूप से इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं।
अधिकारियों ने आगे संकेत दिया कि वंदे भारत मेट्रो भी बहुत जल्द शुरू की जाएगी। वंदे भारत, जिसे पहले ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता था, की अधिकतम परिचालन गति 160 किमी/घंटा है।
पहली वंदे भारत ट्रेन 2019 में शुरू की गई थी और तब से इसे अपने उच्च-स्तरीय फीचर्स और आराम के लिए काफी सराहना मिली है। पहली वंदे भारत नई दिल्ली से वाराणसी रूट पर शुरू की गई थी।
इस रूट से हो सकती है शुरुआत
रूट का निर्णय अभी नहीं किया गया है, किंतु माना जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई या दिल्ली-कोलकाता रूट से शुरुआत की जा सकती है।
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