New Delhi. रविवार को वीर सावरकर की जयंती के मौके पर देश को नई संसद लोकार्पित कर दी जाएगी। समारोह में केवल दो दिन बचे हैं। इससे पहले नई नवेली संसद का पहला वीडियो जारी हुआ है। वीडियो की शुरूआत संसद के मुख्य द्वार से होते हुए दिखाई गई है। इसके बाद संसद के गुंबद पर लगा अशोक चिन्ह और बाहरी दीवारों की आकर्षक तस्वीरों को दिखाया गया है। वीडियो में राज्यसभा और लोकसभा के दृश्य दिखाए गए हैं। इन दोनों ही सदनों में स्पीकर की कुर्सी के पीछे भव्य अशोक चक्र बनाया गया है। वहीं लोकसभा के कालीन पर मोरपंख की डिजाइन उकेरी गई है। वहीं हर सदस्य की टेबल पर स्क्रीन लगा रहेगा।
प्रधानमंत्री ने वीडियो किया शेयर
इस वीडियो को पीएम मोदी ने माय संसद माय प्राइड हैश टैग के साथ शेयर किया है। इसके साथ कैप्शन में पीएम मोदी ने लिखा है कि नई संसद हर भारतीय को गौरवान्वित करती है। यह वीडियो संसद की भव्यता को दर्शाता है। लोगों से अपील है कि वे अपने विचारों और वॉयस ओवर के साथ इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करें। इनमें से कुछ अच्छे वीडियो को वे रीट्वीट करेंगे।
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The new Parliament building will make every Indian proud. This video offers a glimpse of this iconic building. I have a special request- share this video with your own voice-over, which conveys your thoughts. I will re-Tweet some of them. Don’t forget to use #MyParliamentMyPride. pic.twitter.com/yEt4F38e8E
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2023
कांग्रेस का सेंगोल को लेकर नया दावा
इधर संसद के लोकार्पण समारोह को लेकर मुंह फुलाई कांग्रेस ने चोल राजवंश के सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक सेंगोल को लेकर नया दावा किया है। कांग्रेस ने सेंगोल पर किए जा रहे उस दावे को झूठा करार दिया है जिसमें सेंगोल को नेहरू को सौंपे जाने का दावा किया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि सेंगोल को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर आजादी के समय नेहरू को इसे सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि सभी दावे गलत हैं।
अमित शाह ने किया पलटवार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सेंगोल को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सेंगोल को कांग्रेसियों ने वॉकिंग स्टिक समझ लिया था इसलिए संग्रहालय भेज दिया था। अमित शाह ने बताया कि नई संसद के लोकार्पण के वक्त पीएम मोदी 75 रुपए का सिक्का भी जारी करेंगे।
जयराम रमेश ने ट्वीट में यह लिखा
अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश लिखते हैं कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि नई संसद को वॉट्सएप यूनिवर्सिटी से मिले ज्ञान से दूषित किया जा रहा है। बीजेपी-आरएसएस बिना सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि सेंगोल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण बीजेपी का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने लिखा कि यह सच है कि सेंगोल को मद्रास प्रांत में सनातन समूह ने बनाया था। लेकिन इस बात का कोई भी दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, राजगोपालाचारी और नेहरू ने इस राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया हो।