बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले फिर हिंसा, टीएमसी नेताओं ने आईएसएफ कैंडीडेट का रास्ता रोका, 100 से ज्यादा पेट्रोल बम फेंके

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BP Shrivastava
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बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले फिर हिंसा, टीएमसी नेताओं ने आईएसएफ कैंडीडेट का रास्ता रोका, 100 से ज्यादा पेट्रोल बम फेंके

KOLKATA. पश्चिम बंगाल में अब पंचायत चुनाव को लेकर हिंसा शुरू हो गई। राज्य में  8 जुलाई को पंचायत चुनाव होना हैं। उम्मीदवारों को 15 जून तक नॉमिनेशन फाइल करना है। नॉमिनेशन फाइलिंग के दौरान राज्य में कई जगह हिंसक झड़प हुईं। मंगलवार ( 13 जून)  को साउथ-24 परगना में टीएमसी और आईएसएफ के कार्यकर्ताओं जमकर झड़प हो गई। इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) का उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने बीडीओ  ऑफिस जा रहा था। तभी उसका रास्ता रोका गया और विवाद शुरू हो गया। टीएमसी कार्यकर्ताओं पर 100 से ज्यादा पेट्रोल बम फेंकने का आरोप है। पुलिस ने झगड़ा शांत कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों पर भी कार्यकर्ताओं ने बम फेंक दिए। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा दिया।





राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार (13 जून) को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर राजीव सिन्हा ने बैठक की अध्यक्षता की। मीटिंग में पश्चिम बंगाल में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही चुनावों के संबंध में शिकायतों को सुना गया।





बीजेपी ने कहा - पहले करनी थी बैठक





चुनाव की तारीखों को लेकर राज्य बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, चुनाव आयोग को पहले बातचीत करके इसे तय करना चाहिए था। अब बैठक से कुछ फायदा नहीं। उन्होंने तर्क दिया कि यदि बैठक पहले बुलाई गई होती तो विपक्षी दलों के सुझावों को लागू किया जा सकता था।





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सीपीआई (एम) ने चुनाव आयोग कमिश्नर पर सवाल उठाए





सीपीआई (एम) के एक सीनियर लीडर सुजान चक्रवर्ती ने भी बैठक की टाइमिंग की आलोचना की। उन्होंने कहा, पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले यह बैठक बुलानी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सिन्हा चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं हैं और दावा किया कि उनकी नियुक्ति का उद्देश्य पूरी मतदान प्रक्रिया को बाधित करना था। उधर, सत्ताधारी पार्टी TMC के सांसद सौगत रॉय ने कहा, हम राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव चाहते हैं। हिंसक घटनाएं बस कुछ इलाकों में हुई हैं।





12 जून को चुनाव की तारीख बढ़ाने पर हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित रखा





बंगाल पंचायत चुनाव की तारीख बढ़ाने को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में सोमवार (12 जून)  को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने मतदान 8 जुलाई के बजाय 14 जुलाई को कराने का प्रस्ताव दिया है। कोर्ट ने नामांकन दाखिल करने की तारीख 15 जून से बढ़ाकर 18 जून और नामांकन वापस लेने की तारीख 26 के बजाय 27 जून करने का सुझाव दिया।





आयोग ने कहा-चुनाव की तारीख बढ़ाना सही नहीं





इस पर राज्य चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील ने कहा कि नामांकन की तारीख बढ़ाना सही नहीं है। इसे ज्यादा से ज्यादा 15 जून से बढ़ाकर 16 जून तक किया जा सकता है। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।





कांग्रेस-बीजेपी ने याचिकाएं दाखिल की थीं





बंगाल पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं। जिनमें पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के कुछ हिस्सों को चुनौती दी गई है। एक याचिका राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीररंजन चौधरी ने और दूसरी याचिका शुभेंदु अधिकारी ने दाखिल की थी।





मुर्शिदाबाद में कांग्रेस वर्कर की गोली मारकर हत्या





बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले 9 जून को मुर्शीदाबाद के खाड़ग्राम में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर राज्य में सीआरपीएफ की तैनाती की मांग की। बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात कर पंचायत चुनाव के लिए सीआरपीएफ की तैनाती की मांग की। उधर, घटना के दूसरे दिन यानी 10 जनवरी को मुर्शीदाबाद पुलिस ने डोमकाल इलाके से एक टीएमसी कार्यकर्ता बशीर मोल्लाह को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक पिस्टल बरामद हुई थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव पर चर्चा के लिए 13 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई।



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