Ayodhya. हर हिंदू भारतीय का सपना साकार होने जा रहा है। नवनिर्मित भव्य मंदिर में जनवरी 2024 में होने वाली श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले ही पूरा देश राममय होगा। देश व्यापी रामोत्सव मनाने की रणनीति तैयार कर ली गई है। इसके लिए गांव-गांव में अयोध्या से अक्षत व रामजन्मभूमि की रज (मिट्टी) भेजी जाएगी। इसके पूजन और संकल्प के साथ ही देशभर में उत्सव की शुरुआत होगी। इसके लिए देशभर में लगभग पांच लाख मंदिरों का चयन किया गया है। इन्हीं मंदिरों में रामजन्मभूमि की रज व यहां से भेजे गए अक्षतों को प्रतिष्ठित किया जाएगा। इस आयोजन को उत्सवी रंग देने की जवाबदारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने संभाली है।
अयोध्या में होगा अक्षत पूजन का कार्यक्रम
अक्षत और रामजन्मभूमि की रज मंदिरों में भेजे जाने के पहले श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से अक्षत पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसमें अक्षत व मिट्टी का पूजन होगा। इसके बाद ही इसे देश के अन्य हिस्सों में भेजने का क्रम शुरू होगा। यहां से रज व अक्षत संघ के स्वयंसेवक ही देशभर में पहुंचायेंगे।
छोटे-छोटे पैकेट बनाए जाएंगे
रज व अक्षत को पहले अयोध्या से संघ की दृष्टि से सृजित देशभर के 49 प्रांतों के मुख्यालयों पर भेजा जाएगा। इसके बाद जिले व फिर गांवों तक इसे पहुंचाया जाएगा। अयोध्या से इस सामग्री को भेजने की शुरुआत ही उत्सव के साथ होगी। गत दिनों प्राण प्रतिष्ठा समिति की बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया। अक्षत व रज को यहां से भेजने के पहले इसके छोटे-छोटे पैकेट बनाए जाएंगे। इस कार्य योजना को संघ व उसके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी मूर्त रूप देंगे।
15 से 24 जनवरी तक उत्सव, देशभर में होंगे रामनाम संकीर्तन, रामायण पाठ
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 15 से 24 जनवरी तक मनाया जायेगा। इस बीच ही पूरे देश में रामनाम संकीर्तन, रामायण पाठ आदि आयोजन होंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र, विहिप नेता प्रकाश शर्मा, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र संपर्क प्रमुख मनोज, धनंजय, अशोक सहित कई साधु संतों ने विमर्श कर योजना तैयार की।
अक्टूबर तक पूर्ण आकार लेगी रामलला की दिव्य प्रतिमा
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजित होने वाली रामलला की तीन प्रतिमाएं तैयार हो रही हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति की बैठक में दिव्य शिलाओं से प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे मूर्तिकारों ने जानकारी दी। दावा किया कि तीनों मूर्तियां अक्टूबर तक पूर्ण रूप से आकार लेंगी। तीन प्रतिमाओं में से जो सर्वाधिक आकर्षक, जीवंत और पांच वर्षीय बालक के रूप में रामलला की छवि के अनुरूप होगी, उसे नवनिर्मित मंदिर में स्थापित करने के लिए चयनित किया जाएगा।