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NEW DELHI. भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) और पहलवानों के बीच विवाद ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। देश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल दिला चुके पहलवानों ने संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इस साल दूसरी बार मोर्चा खोला है। ई पहलवान संघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर राजधानी में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। इसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब एक दर्जन पहलवान शामिल हैं। पहलवानों के इस धरने का हरियाणा की खाप पंचायतों ने भी समर्थन किया है। सिंह के खिलाफ दोबारा मोर्चा खोलने वाले पहलवानों ने एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है। इस याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। इस मामले में शुक्रवार, 28 अप्रैल को नवाई होगी। आइए इन सवालों और जवाब से जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है?
सड़क पर क्यों उतरे दिग्गज पहलवान?
देश में कुश्ती के ये दिग्गज इतने आक्रोशित होकर जंतर-मंतर पर क्यों बैठे थे? ये जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे चलकर देखना होगा। बात है 18 जनवरी 2023 की है। कुश्ती संघ और पहलवानों का ये विवाद सड़क पर आया था। उस दिन भी विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए थे। इन सभी ने शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के खिलाफ महिला पहलवानों का यौन शोष करने, उनसे अभद्रता करने और क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
विनेश का आरोप-महिला रेसलर का यौन शोषण किया जाता है
रेसलर विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है। उन्होंने कहा था, 'मैं खुद महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के 10-20 मामलों के बारे में जानती हूं।' उन्होंने फेडरेशन के कोच और रेफरी पर भी आरोप लगाए थे। इन आरोपों के सबूतों के सवाल पर फोगाट ने कहा- 'जब हाई कोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे। हम पीएम को भी सभी सबूत सौंपने को तैयार हैं। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे। कोई भी रेसलर फेडरेशन के किसी भी इवेंट में हिस्सा नहीं लेगा।' इस दौरान विनेश रोती हुईं भी दिखी थीं।
बजरंग पूनिया का आरोप- मेंटली टॉर्चर किया गया
विनेश फोगाट का कहना था कि इवेंट के दौरान घायल होने पर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है। इसके बाद भी संघ के पदाधिकारी बड़े खिलाड़ियों पर नेशनल ना खेलने का आरोप लगाते हैं। विनेश ने रोते हुए कहा कि अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का बोला था। फेडरेशन ने मुझे मेंटली टॉर्चर किया। मैं इसके बाद सुसाइड करने की सोच रही थी। बजरंग पूनिया ने कहा था कि महासंघ के बड़े पदाधिकारी हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। अध्यक्ष हमसे गाली-गलौज करते हैं। प्लेयर्स को थप्पड़ मार देते हैं।
विनेश फोगाट पर भी तो अनुशासन हीनता के आरोप लगे थे?
WFI में चल रहे विवादों का नाता 2021 में विनेश फोगाट पर अनुशासनहीनता के आरोप में लगाई गई रोक से भी जुड़ा हैं। WFI ने विनेश फोगाट पर टोक्यो ओलंपिक के दौरान अनुशासनहीनता के आधार पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर रोक लगा दी थी। विनेश टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थीं। दरअसल, विनेश ने वहां अपने साथी खिलाड़ियों के साथ ना सिर्फ ठहरने से इनकार किया था बल्कि टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ ट्रेनिंग भी नहीं की थी। इसके अलावा विनेश ने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक के बजाय निजी प्रायोजक के नाम का 'सिंगलेट' पहना था जिसके चलते WFI ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
क्या बात इतनी ही है या और भी कुछ है?
दरअसल, कुश्ती संघ से जुड़े विवाद सिर्फ दिग्गज रेसलर के आरोपों तक ही सीमित नहीं है। कुछ इससे अलग भी हैं। इसे 2022 में पहलवानों की मदद से जुड़े एक निर्णय से समझा जा सकता है। फेडरेशन ने 2022 में निजी और गैर-सरकारी संगठनों को पहलवानों की मदद करने पर रोक लगा दी थी। उसने ऐलान किया था कि उसे संघ में गैर सरकारी संस्थानों का दखल नहीं चाहिए और ये संस्थान अब पहलवानों की मदद WFI की अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगे। इस निर्णय से पहलवानों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे मनपसंद विदेशी कोच, फिजियो और विदेशों में ट्रेनिंग मिलनी बंद हो गई। खिलाड़ियों को प्राइवेट स्पॉन्सरशिप मिलनी बंद हो गई। इस पूरे मामले में विवाद की एक जड़ श्रेय की लड़ाई भी है।
आरोपों के बारे में बृजभूषण सिंह का क्या कहना है?
पहलवानों के इन गंभीर आरोपों को बृजभूषण सिंह सिरे से नकारते रहे हैं। उनका कहना है कि उनके खिलाफ प्लानिंग करके आरोप लगाए जा रहे हैं। दरअसल, एक भी खिलाड़ी ओलंपिक के बाद नेशनल नहीं लड़ा है, ट्रायल के बाद भी फेवर चाहते हैं, ये सभी चाहते हैं इनकी एक कुश्ती हो जाए, वजन तोड़ना पड़ता है। किसी विशेष रेसलर के लिए कोई नियम अलग कैसे हो सकता है। मैं इनके सभी आरोपों की जांच के लिए तैयार हूं। बृजभूषण सिंह ने यौन शोषण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न कभी नहीं हुआ। यदि एक भी एथलीट सामने आया और इसे साबित करे तो मैं खुद फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं। कुश्ती महासंघ में 'तानाशाह' की तरह काम करने के आरोपों पर बृजभूषण शरण ने कहा कि खिलाड़ी न ट्रायल देंगे, न नेशनल लेवल पर लड़ेंगे। ऐसे कैसे चलेगा। जब फेडरेशन कोई नियम बनाता है तो ये खिलाड़ी जो धरने पर बैठ जाते हैं। धरना देने वाले खिलाड़ियों में से एक भी नेशनल में नहीं लड़ा। ये मेरे खिलाफ एक साजिश है और इसमें एक बड़े उद्योगपति का हाथ है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है वही तय करेगा।
कितने ताकतवर हैं बृजभूषण शरण सिंह?
बृजभूषण शरण सिंह पूर्वांचल की सियासत में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं और बाहुबली भी हैं। ठाकुर समुदाय के बीच उनकी ठीक-ठाक पकड़ है। वे बस्ती और देवीपाटन मंडल में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता हैं। बृजभूषण सिंह 6 बार के सांसद है। इसके अलावा उनकी पत्नी केतकी सिंह भी सांसद रह चुकी हैं और बेटा 2 बार का विधायक है। बृजभूषण शरण सिंह 1991 में आनंद सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े और पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद वे गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से भी सांसद रह चुके हैं। राम मंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी से जुड़े और अयोध्या में बाबरी विध्वंस में भी शामिल रहे। उन्होंने पहलवानी अखाड़े से लेकर सियासी रणभूमि तक अपनी ताकत का अहसास कराया। पहलवानी से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तक और बीजेपी से लेकर सपा तक बाहुबली नेता बृजभूषण ने हर बार खुद को सियासी दुनिया का बाहुबली साबित किया है। बृजभूषण सिंह 2011 में रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बने थे। उसके बाद से लगातार 3 बार से वो अध्यक्ष बन रहे हैं। आखिरी बार बृजभूषण सिंह 2019 में अध्यक्ष बने थे। उनका कार्यकाल इसी साल खत्म होने वाला है।
खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई थी उसका क्या हुआ?
- जनवरी में खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने धरना दे रहे पहलवानों से मुलाकात की थी। इस दौरान पहलवानों ने 4 मांगों को सामने रखा था। तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था।
खेल मंत्रालय ने क्या कदम उठाए?
- पहलवानों से मुलाकात के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि रेसलर्स द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। ये कमेटी 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
फिर धरने पर क्यों बैठे दिग्गज पहलवान?
WFI और इसके अध्यक्ष पर आरोप लगाने वाले पहलवान 23 अप्रैल से दोबारा धरने पर बैठे हैं। उन्होंने अब खेल मंत्रालय की जांच कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं। विनेश फोगाट का कहना है कि मंत्रालय और कमेटी से 3 महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब। पहलवानों का दावा है कि कमेटी की रिपोर्ट खेल मंत्रालय में सबमिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है ये हमें भी बताया जाना चाहिए। कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं बताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस पर क्यों सवाल उठा रहे पहलवान?
दरअसल, 7 महिला पहलवानों ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने मामले में अब तक FIR दर्ज नहीं की है।
दिल्ली पुलिस ने दर्ज क्यों नहीं की FIR?
दिल्ली पुलिस ने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी गई है। पुलिस के मुताबिक अब तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 शिकायतें मिली हैं। इनकी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि कि पुख्ता सबूत सामने आने के बाद FIR दर्ज की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख है?
धरना देने वाले पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। इस याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। इस मामले में कोर्ट में शुक्रवार, 28 अप्रैल को सुनवाई होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार, 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत है। वहीं रेसलर्स की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि इस केस में जो कुछ हुआ है, उसका हलफनामा दिया है।