BENGALURU. अमूमन जब पूरे देश का ध्यान अयोध्या में राम मंदिर और वहां होने वाली प्राण प्रतिष्ठा की ओर है, ऐसे वक्त में पीएम नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के दौरे कर रहे हैं और वहां के मंदिरों में पूजा-पाठ और पार्टी की बैठकें कर रहे हैं, जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब देशभर की नजरें अयोध्या और वहां होने वाले ऐतिहासिक समारोह की ओर हैं तो पीएम मोदी के मन में क्या चल रहा है? वे क्यों दक्षिण भारत पर फोकस किए हुए हैं?
दो हफ्ते में दो बार केरल का दौरा
पीएम मोदी दो हफ्ते में दो बार केरल का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने मंदिरों में पूजा-पाठ किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने महिलाओं की सबसे बड़ी सभा में से एक को संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ली। जिसमें यह समझाया कि वे केंद्रीय योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों के बीच 'मोदी गारंटी' का प्रचार किस तरह से करें और उसे सरकार की लोकप्रियता कैसे बनाएं?
पीएम ने दक्षिण भारत के इन मंदिरों में माथा टेका
पीएम मोदी ने केरल दौरे में गुरुवयूर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर और आंध्र प्रदेश दौरे के समय लेपाक्षी भी पहुंचे थे। लेपाक्षी मंदिर को लेकर मान्यता है कि जब पौराणिक पक्षी जटायु पर रावण ने हमला किया था, तो वह यहां गिर गया था।
दक्षिण भारत की 132 सीटों में से केवल 29 पर बीजेपी
दक्षिण भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना समेत पांच राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में कुल 132 लोकसभा सीटें हैं। जिनमें से केवल 29 सीट बीजेपी के पास हैं। आगामी आम चुनाव 2024 में बीजेपी का टारगेट 400 सीटें जीतना है।
2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों के अनुसार, दक्षिण भारत में सीटों का बंटवारा इस प्रकार था। बीजेपी के पास 29 और इतनी ही सीटें यानी 29 पर ही कांग्रेस का कब्जा है। इसके अलावा 74 सीटों पर कांग्रेस की सहयोगी और क्षेत्रीय दलों के सांसद हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत पर किसका कब्जा होगा, इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। हालांकि बीजेपी, कांग्रेस और यहां के क्षेत्रीय दलों ने अभी से जोरआजमाइश शुरू कर दी है।
बीजेपी का फोकस
बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने दो राज्यों में जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 के चुनाव में वह अन्य राज्यों में भी जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। बीजेपी का फोकस है कि वह हिंदी भाषी राज्यों की तरह ही दक्षिण भारत के इन पांच राज्यों में वर्चस्व कायम करे और अपने 400 से ज्यादा सीटें जीतने के टारगेट को हासिल करे। इसी तरह से कांग्रेस ने भी 2019 के लोकसभा चुनाव में दो राज्यों में जीत हासिल की थी। उसकी भी दक्षिण के राज्यों से बड़ी उम्मीदें हैं और उन पर खरा उतर कर कांग्रेस अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहेगी।
अन्य दलों की स्थिति बेहतर
दक्षिण भारत में बीजेपी-कांग्रेस की तुलना में अन्य दलों की स्थिति काफी बेहतर है। यहां अन्य दलों के खाते में 74 सीटें हैं। इन दलों में तमिलनाडु की डीएमके,आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस, केरल की सीपीआई (एम) और तेलंगाना की टीआरएस शामिल हैं। इन दलों में से कुछ 2024 के चुनाव में जीत हासिल कर सकते हैं।
Q & A
Q : पीएम मोदी के दक्षिण भारत दौरे का क्या उद्देश्य है?
A: पीएम मोदी के दक्षिण भारत दौरे का उद्देश्य दक्षिण भारत में अपनी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उपस्थिति बढ़ाना है। दक्षिण भारत में कुल 132 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से केवल 29 पर भाजपा का कब्जा है। आगामी आम चुनाव 2024 में भाजपा का लक्ष्य 400 सीटें जीतना है। इसलिए, दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाना भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है।
Q: पीएम मोदी के दौरे में मंदिरों में पूजा-पाठ करने का क्या महत्व है?
A: दक्षिण भारत में हिंदू धर्म का बड़ा प्रभाव है। यहां के लोगों में धार्मिक आस्था भी काफी मजबूत है। इसलिए, मंदिरों में पूजा-पाठ करने से भाजपा को दक्षिण भारत के लोगों के बीच अपनी छवि मजबूत करने में मदद मिलेगी।
Q: पीएम मोदी के दक्षिण प्रदेशों के दौरे से क्या उम्मीदें हैं?
A: पीएम मोदी के दौरे से भाजपा को दक्षिण भारत के लोगों में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इससे भाजपा को 2024 के आम चुनाव में दक्षिण भारत में अधिक सीटें जीतने में मदद मिल सकती है।
Q: अन्य दलों की क्या प्रतिक्रिया है?
A: अन्य दलों ने पीएम मोदी के दौरे को राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा एक प्रयास बताया है। इन दलों ने कहा है कि भाजपा दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है।
Q: क्या पीएम मोदी के दौरे से दक्षिण भारत की राजनीति में बदलाव आएगा?
A: यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि पीएम मोदी के दौरे से दक्षिण भारत की राजनीति में क्या बदलाव आएगा। हालांकि, यह तय है कि पीएम मोदी के दौरे से दक्षिण भारत की राजनीति में हलचल जरूर बढ़ गई है।