1 से 19 दिसंबर तक चलेगा संसद का शीतकालीन सत्र, आ सकता है UGC खत्म करने वाला बिल

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 10 बिल पेश होंगे, जिसमें न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए प्राइवेट कंपनियों को मंजूरी और UGC को समाप्त करने वाला बिल प्रमुख है। अन्य बिल में हाईवे भूमि अधिग्रहण और कंपनी कानून संशोधन शामिल हैं।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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NEW DELHI. संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान 10 महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे। इनमें न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए प्राइवेट कंपनियों को अनुमति देने वाला एटॉमिक एनर्जी बिल, UGC (University Grants Commission) को समाप्त करने वाला बिल और हाईवे भूमि अधिग्रहण को तेज करने वाला बिल शामिल है। इसके अलावा कंपनी कानून और अन्य सुधारात्मक कदमों के लिए भी नए बिल लाए जाएंगे। इस सत्र से भारतीय राजनीति में कई अहम बदलाव हो सकते हैं।

संसद शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले मुख्य बिल... 

1. एटॉमिक एनर्जी बिल (Atomic Energy Bill)

इस बिल के तहत प्राइवेट कंपनियों को न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति मिलेगी। अब तक यह काम केवल सरकारी कंपनियों जैसे NPCIL द्वारा किया जाता था, लेकिन इस नए संशोधन से निजी क्षेत्र की कंपनियां भी इसमें हिस्सा ले सकेंगी।

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2. हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 

इस बिल में UGC (University Grants Commission), AICTE (All India Council for Technical Education) और NCTE (National Council for Teacher Education) को एक ही कमीशन में विलय करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाना है।

3. नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 

यह बिल भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए लाया जा रहा है। इसका उद्देश्य नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स में देरी को कम करना है, जिससे विकास कार्यों की गति बढ़ेगी।

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4. कॉर्पोरेट लॉ (संशोधन) बिल 

यह बिल कंपनी अधिनियम 2013 और LLP अधिनियम 2008 में संशोधन करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देना है। इससे व्यवसायों के लिए कार्यक्षमता बढ़ेगी।

5. सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 

यह बिल सेबी एक्ट, डिपॉजिटरीज एक्ट और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट को मिलाकर एक सरल और प्रभावी कानून तैयार करने की दिशा में है। इससे भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ेगी।

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6. संविधान में संशोधन से जुड़ा बिल 

यह बिल 131वां संविधान संशोधन लाएगा, जिसके तहत चंडीगढ़ यूनियन टेरेटरी को भारतीय संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाया जाएगा। यह आर्टिकल केंद्र सरकार को केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम बनाने की अनुमति देता है।

7. ऑर्बिट्रेशन एंड कॉन्सीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल 

इस बिल का उद्देश्य कंपनियों और व्यक्तियों के बीच विवादों का समाधान तेज और सरल बनाना है। यह मध्यस्थता फैसलों को चुनौती देने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा।

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संसद सत्र के दौरान विपक्षी गतिविधियां 

संसद सत्र 2025 में विपक्षी दलों के कुछ अहम मुद्दे उठ सकते हैं। कांग्रेस, टीएमसी, सपा, और अन्य विपक्षी दल मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकते हैं। इसके साथ ही वे अन्य सुधारों और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सरकार से सवाल पूछ सकते हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव आयोग के रवैये के कारण चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी आ रही है।

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