World Mosquito Day पर जानें कैसे एक छोटा सा कीड़ा बनता है लाखों मौतों का कारण

विश्व मच्छर दिवस पर यह लेख हमें मच्छरों से होने वाली बीमारियों के खतरे और उनसे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करता है। यह ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस की ऐतिहासिक खोज को याद करते हुए।

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Kaushiki
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World Mosquito Day 2025
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World Mosquito Day: हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) मनाया जाता है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि मच्छरों से होने वाली बीमारियां कितनी खतरनाक हो सकती हैं।

ये दिन सिर्फ मच्छरों के बारे में जानने का नहीं है, बल्कि हमें ये भी सिखाता है कि हम कैसे इन छोटी सी दिखने वाली, पर बहुत ही खतरनाक क्रीचर्स से बच सकते हैं। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे एक नन्हा सा कीड़ा दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत का कारण बनता है।

ये दिन ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस की उस ऐतिहासिक खोज को समर्पित है, जिन्होंने 1897 में यह साबित किया था कि मलेरिया मादा मच्छर के काटने से फैलता है।

उनकी इस खोज ने मच्छरों से होने वाली बीमारियों के खिलाफ लड़ाई को एक नई दिशा दी। आज यह दिन हमें न केवल इन बीमारियों के खतरों से आगाह करता है, बल्कि हमें इनसे बचने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करने की प्रेरणा भी देता है। आइए जानें...

Scientist of the Day - Ronald Ross, English Physician - Linda Hall Library

डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस और उनकी खोज

ये दिन, 20 अगस्त, 1897 को ब्रिटिश डॉ रोनाल्ड रॉस की उस अद्भुत खोज की याद में मनाया जाता है जब उन्होंने ये साबित किया था कि मलेरिया मादा एनोफेलीज (Anopheles) मच्छर के काटने से फैलता है।

ये खोज चिकित्सा जगत में एक बहुत बड़ी ब्रेकथ्रू थी। उनकी इस खोज के बाद ही मलेरिया से लड़ने के लिए सही दिशा में काम शुरू हो पाया।

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मच्छर, बीमारियां और हमारा स्वास्थ्य

मच्छर सिर्फ बज्ज करने वाले कीड़े नहीं हैं। ये दुनिया के सबसे खतरनाक जीवों में से एक हैं, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेते हैं। इनकी वजह से फैलने वाली कुछ मुख्य बीमारियां हैं:

  • मलेरिया (Malaria): ये सबसे पुरानी और सबसे घातक बीमारियों में से एक है। इसकी वजह से बुखार, कंपकंपी और सिरदर्द होता है।
  • डेंगू (Dengue): इसे "हड्डी तोड़ बुखार" भी कहते हैं। तेज बुखार, शरीर और जोड़ों में असहनीय दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं।
  • चिकनगुनिया (Chikungunya): इसमें भी जोड़ों में दर्द और तेज बुखार होता है।
  • जीका वायरस (Zika Virus): ये गर्भवती महिलाओं के लिए खास तौर पर खतरनाक है, क्योंकि ये गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है।

ये बीमारियां न सिर्फ हमारी हेल्थ को खराब करती हैं, बल्कि इकॉनमी पर भी बुरा असर डालती हैं। लोगों के काम करने की क्षमता घटती है और इलाज में बहुत पैसा खर्च होता है।

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मच्छरों से कैसे बचें?

मच्छरों से बचने के लिए हमें सिर्फ सरकारी एजेंसीज पर ही डिपेन्ड नहीं करना चाहिए, बल्कि हमें खुद भी कुछ कदम उठाने होंगे।

  • अपने आसपास सफाई रखें: मच्छर रुके हुए, साफ पानी में अंडे देते हैं। कूलर, गमले, पुराने टायर और बर्तन में पानी जमा न होने दें। हर हफ्ते इन्हें साफ करें।
  • मॉस्क्वीटो रेपेल्लेंट्स का इस्तेमाल करें: घरों में और बाहर जाते समय रेपेल्लेंट्स क्रीम्स और स्प्रे का यूज करें।
  • मच्छरदानी (Mosquito Net) का प्रयोग करें: रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा और सेफ तरीका है।
  • पूरे कपड़े पहनें: खासकर शाम और रात के समय फुल-स्लीव शर्ट्स और पैन्ट्स पहनें ताकि मच्छर काट न सकें।
  • घरों में खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं: इससे मच्छर घर में नहीं आ पाएंगे।

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जलवायु परिवर्तन और मच्छरों का बढ़ता खतरा

यह जानकर हैरानी होगी कि मच्छरों का प्रकोप सिर्फ हमारे प्रयासों की कमी से नहीं बढ़ रहा है, बल्कि जलवायु परिवर्तन (climate change) भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती का तापमान बढ़ रहा है, जिससे उन इलाकों में भी मच्छर पनप रहे हैं जहां पहले उनका नामोनिशान नहीं था। इस वजह से मच्छरों से होने वाली बीमारियों का दायरा और भी बढ़ रहा है, जो एक वैश्विक चिंता का विषय है।

World health organization (WHO) जैसी संस्थाएं मच्छरों से होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिए लगातार काम कर रही हैं। दवाइयों और वैक्सीन्स पर रिसर्च हो रही है। कई देशों ने मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए बड़े-बड़े प्रोग्रम चलाए हैं।

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नई तकनीक और उम्मीद की किरण

अच्छी बात यह है कि साइंटिस्ट्स और रिसर्चर्स चुप नहीं बैठे हैं। मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीकें विकसित की जा रही हैं। इसमें जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग करके ऐसे मच्छरों को पैदा किया जा रहा है जो आगे अंडे नहीं दे सकते।

इसके अलावा, बायोलॉजिकल कण्ट्रोल मेथड्स जैसे कि मच्छरों के लार्वों को खाने वाली मछलियों को पानी में छोड़ना भी एक डोमिनेंट तरीका साबित हो रहा है। ये सभी प्रयास हमें यह उम्मीद देते हैं कि आने वाले समय में हम मच्छरों की समस्या पर काबू पा सकते हैं।

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आगे क्या

आज विश्व मच्छर दिवस पर हमें ये सोचना चाहिए कि हम सब मिलकर इस प्रॉब्लम को कैसे खत्म कर सकते हैं। हमें सिर्फ अपनी सुरक्षा नहीं, बल्कि अपने कम्युनिटी की भी सिक्योरिटी का ध्यान रखना चाहिए।

विश्व मच्छर दिवस सिर्फ एक फॉर्मेलिटी नहीं है, बल्कि ये हमें जगाने वाला दिन है। ये हमें याद दिलाता है कि भले ही मच्छर छोटे हों, लेकिन उनकी शक्ति को कम नहीं समझना चाहिए। अगर हम सब मिलकर स्वच्छता और जागरूकता फैलाएं, तो हम इस ग्लोबल  प्रॉब्लम को हरा सकते हैं।

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