New Delhi. जंतर-मंतर पर देश के नामी पहलवानों का धरना जारी है। सुप्रीम कोर्ट के जरिए पहलवानों को इस मामले में पहली कामयाबी हासिल हो चुकी है। अदालत में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एफआईआर किए जाने की बात सरकार ने मान ली है। जिसके बाद 1 हफ्ते से धरने पर बैठे हुए पहलवानों ने इस दंगल का पहला राउंड तो जीत ही लिया है। बता दें कि विनेश फोगाट समेत 7 महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जेल भेजा जाए बृजभूषण को
पहलवानों ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि महज एफआईआर से वे संतुष्ट नहीं हैं, यह अंतिम पड़ाव नहीं बल्कि शुरूआत है। पहलवानों का कहना था कि बृजभूषण शरण सिंह पर पहले ही 85 मुकदमे चल रहे हैं। एक एफआईआर और हो जाएगी तो क्या होगा? दिल्ली पुलिस को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजना चाहिए। पहलवानों ने एक सुर में कहा कि यह उनकी पहली मांग है।
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बात है स्पोर्ट्स के भविष्य की
महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि ये बात सिर्फ कुश्ती की नहीं है, अगर देश के स्पोर्ट्स का भविष्य बचाना है तो हमें एक साथ आगे आना होगा। खिलाड़ियों की आवाज को दबाया जाएगा तो हम उनकी आवाज बनें। ऐसा नहीं हुआ तो देश का स्पोटर््स गर्त में चला जाएगा।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पर निकाली भड़ास
ओलंपिक पदक प्राप्त पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो फैसला लेगा वही मान्य होगा। उन्होंने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के लिए कहा कि उन्होंने तो हमारा फोन ही नहीं उठाया, हम कहां जाते? वे 12 मिनट भी हमारे साथ नहीं बैठे। बजरंग ने कहा कि हमें किसी कमेटी और किसी सदस्य पर भरोसा नहीं है। दिल्ली पुलिस पर भी भरोसा नहीं। हम तो सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने बयान देंगे।
सुरक्षा की भी मांग की
बजरंग पूनिया ने कहा कि हमारी जिससे लड़ाई है वो बाहुबली है, ऐसे में खिलाड़ियों को सुरक्षा की भी बेहद जरूरत है। पूनिया बोले कि अभी तो यह देखना है कि पुलिस कैसी एफआईआर दर्ज करती है, क्या धाराएं लगाई जाती हैं। बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाया जाए, पूरी तरह से पारदर्शी जांच की जाए।