जी-20 समिट : आज भारत आएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, 8 अगस्त को मोदी से मुलाकात, रूस से तेल खरीदने का उठेगा मुद्दा

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Pratibha Rana
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जी-20 समिट : आज भारत आएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, 8 अगस्त को मोदी से मुलाकात, रूस से तेल खरीदने का उठेगा मुद्दा

Washington/Delhi. 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली के प्रगति मैदान के अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में शुरू होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार (7 सितंबर) को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत आएंगे। ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी यात्रा के दौरान शुक्रवार (8 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लेंगे और फिर अगले दो दिनों तक जी-20 शिखर सम्मेलन में आयोजित सत्रों में हिस्सा लेंगे। बाद में वे वियतनाम की यात्रा करेंगे। ब्रीफिंग में पियरे ने बताया कि बाइडेन की भारत और वियतनाम यात्रा की योजना में कोई बदलाव नहीं होगा।

मोदी-बाइडेन के बीच अहम मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

व्हाइट हाउस के रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के समन्वयक जॉन किर्बी के मुताबिक, इस बात की संभावना बहुत कम है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन जलवायु और यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करेंगे। बाइडेन और मोदी के जी-20 के एजेंडे, विशेष रूप से आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय निवेश के अवसरों पर चर्चा करने की उम्मीद है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, बहुपक्षीय विकास बैंक में सुधार और नया स्वरूप देखने की बाइडेन की प्रबल इच्छा है।

भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका का पहला रिएक्शन

किर्बी ने कहा, भारत सहित हर संप्रभु देश को किसी भी देश से तेल या लूब्रिकेंट खरीदने का अधिकार है। दरअसल जॉन किर्बी से समाचार एजेंसी ने एक सवाल में भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के बारे में पूछा गया था। इस पर किर्बी ने कहा यह राष्ट्रपति बाइडेन की पीएम मोदी के साथ चर्चा के एजेंडे में हो सकता है।

रूस के साथ हमेशा की तरह व्यापार करने का समय : अमेरिका

किर्बी ने कहा, जैसा कि मैंने कहा, हम सभी देशों को मूल्य सीमा के मुताबिक तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम भी संयुक्त राज्य अमेरिका के दृष्टिकोण से हम नहीं मानते कि यह पुतिन और रूस के साथ हमेशा की तरह व्यापार करने का समय है।

रूस से तेल खरीदने का मामला क्यों बना वैश्विक मुद्दा

जब से भारत ने कहा कि वह रूस से तेल खरीदेगा, यह दुनिया के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। पिछले साल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति और रूस से तेल खरीदने के पीछे के कारणों को स्पष्ट रूप से बताया था। कई कार्यक्रमों में विभिन्न देशों ने जयशंकर से रूस से तेल खरीदने के बारे में पूछा था, जिस पर विदेश मंत्री ने कहा था, "मैं इसे अपने तरीके से करना पसंद करता हूं और इसे अपने तरीके से व्यक्त करता हूं।"

रूस-चीन के जी-20 संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने की संभावना कम

संयुक्त राज्य अमेरिका को उम्मीद है कि इस सप्ताह भारत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में सभी देश संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन यह भी संकेत दिया कि आम सहमति बनाना मुश्किल है क्योंकि रूस और चीन जैसे देशों के इस पर 'हस्ताक्षर' करने की संभावना कम है। किर्बी ने यह भी बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणा के बिना भी समाप्त हो सकता है क्योंकि रूस और पश्चिम अन्य मुद्दों के अलावा यूक्रेन युद्ध पर विवाद जारी रखेंगे।

समिट की सुरक्षा में 1.30 लाख जवान, मिसाइल-फाइटर जेट तैनात

जी-20 समिट की सुरक्षा के लिए पहली बार दिल्ली कड़ी सुरक्षा के घेर में है। दिल्ली के आसपास के चार एयरपोर्ट अलर्ट मोड पर रखे गए हैं।… दिल्ली पुलिस के 50 हजार जवान, एनएसजी, सीआरपीएफ, सीएपीएफ और आर्मी के करीब 80 हजार जवान, बुलेट प्रूफ गाड़ियां, एंटी ड्रोन सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, फाइटर जेट राफेल, एयरफोर्स और सेना के हेलिकॉप्टर, हवा में 80 किमी तक मार करने वाली मिसाइल, चेहरा पहचानने वाले कैमरे से सुरक्षा हो रही है।

सुरक्षा बढ़ाने की यह है वजह

9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाली समिट में जी-20 के सदस्य 18 देशों के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, यूरोपियन यूनियन के डेलीगेट्स और 9 गेस्ट कंट्री के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली में रहेंगे। ये पहला मौका है जब इतने वैश्विक नेता एक साथ भारत आ रहे हैं। यही वजह है कि पूरी दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

एयरपोर्ट : दिल्ली और पालम एयरपोर्ट के चारों तरफ सेंट्रल फोर्स के कमांडो

विदेश से आ रहे नेताओं की सुरक्षा की सबसे पहली कड़ी एयरपोर्ट है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के विमान पालम एयरबेस पर लैंड करेंगे। एयरपोर्ट के आसपास की सुरक्षा में सेंट्रल फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं। दूसरे डेलीगेट्स दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर लैंड करेंगे। डेलीगेट्स के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। एयरपोर्ट की इंटरनल सिक्योरिटी सीआईएसएफ के पास है। यहां अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्पेशल कमांड सेंटर के जरिए पूरे एयरपोर्ट की मॉनिटरिंग की जा रही है।







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