सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को कोर्ट में तलब करने की परंपरा की कड़ी निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टिप्पणी की है कि जज सम्राट की तरह व्यवहार न करें। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायाधीशों को अपनी सीमाएं पता होनी चाहिए। कुछ हाईकोर्ट्स में एक टोपी की बूंद पर अधिकारियों को बुलाने और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दबाव डालने की एक परंपरा विकसित हुई है।
अधिकारी को समन करना जनहित के खिलाफ
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश के अधिकारी को तलब किया था। जिसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि अधिकारी को समन करना जनहित के खिलाफ है। इससे उन्हें सौंपे गए कामों में देरी होती है। उन पर काम का अतिरिक्त बोझ पैदा होता है। न्यायाधीश अपनी सीमाओं के अनुरूप काम करें।