मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित कुबेर देवता Kuber Devta की 12 फीट ऊंची प्रतिमा एशिया की सबसे बड़ी मानी जाती है। यह प्रतिमा लगभग दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की है और वर्तमान में जिला संग्रहालय ( District Museum ) में रखी गई है। धन और वैभव के देवता कुबेर की पूजा धनतेरस ( Dhanteras ) के दिन विशेष रूप से की जाती है। श्रद्धालु यहां समृद्धि की कामना के लिए दर्शन करते हैं।
क्या है भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का मध्यप्रदेश से कनेक्शन, जानिए
कुबेर प्रतिमा का ऐतिहासिक महत्व
विदिशा की इस प्राचीन प्रतिमा का ऐतिहासिक महत्व काफी बड़ा है। यह प्रतिमा बेस नदी के पास पाई गई थी, जहां इसे लोग पहले बड़ी चट्टान समझकर कपड़े धोते थे। पानी कम होने पर मूर्ति स्पष्ट रूप से नजर आई और उसकी पहचान भगवान कुबेर के रूप में की गई। अब यह मूर्ति विदिशा के जिला संग्रहालय में संरक्षित है और हर साल विशेष रूप से धनतेरस के अवसर पर पूजा के लिए रखी जाती है।
Diwali 2024 : 31 या 1 , कब है दिवाली, जानिए सही तारीख और शुभ मुहूर्त
विदिशा के ऐतिहासिक संदर्भ
विदिशा, जिसे पहले भेलसा (Bhelsa) कहा जाता था, सम्राट अशोक की ससुराल के रूप में प्रसिद्ध है। विदिशा की खुदाई और जंगलों से प्राचीन मूर्तियां और शैलचित्र ( Rock Paintings ) मिलते रहते हैं, जो इस शहर के ऐतिहासिक महत्व को प्रमाणित करते हैं। संग्रहालय में मौजूद 6.5 फीट की यक्षी ( Yakshi ) की प्रतिमा, जो कुबेर की पत्नी मानी जाती है, भी यहाँ पूजी जाती है।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें