अहंकार की मूर्ति: रावण स्वभाव से अत्याचारी था, उसके जीवन से जुड़ी ये 5 बातें जानें

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अहंकार की मूर्ति: रावण स्वभाव से अत्याचारी था, उसके जीवन से जुड़ी ये 5 बातें जानें

आज दशहरा है, देशभर में रावण दहन मनाया जाएगा। रावण कितना बुद्धिमान और अहंकारी था। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि उसने अपनी बहन के पति को मार डाला था। रावण नायक था या खलनायक ये आप इन बातों से अंदाजा लगा सकते है।

मां सीता को नहीं छूआ

रावण विद्वान था, लेकिन अत्याचारी भी था। रामायण में ये बात लिखी गई है कि उसने कभी सीता को नहीं छूआ, लेकिन इसके पीछे भी एक वजह थी। रावण ने अपने भतीजे नलकुबेर की पत्नी रंभा से रेप बलात्कार किया था। तब नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया था कि वो किसी महिला को बिना उसकी सहमति के छूएगा तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे। यहीं वजह थी रावण ने सीता को कभी हाथ नहीं लगाया।

रावण भगवान राम से पहले इनसे हार चुके हैं

रावण को सिर्फ भगवान राम ने नहीं हराया है बल्कि वानराज बालि, सहस्त्रबाहु अजुर्न और पाताल लोक में राजा बलि से हारे थे। पाताल लोक में राजा बलि से युद्ध करने गए रावण को बच्चों ने पकड़कर अस्तबल में बांध दिया था। सहस्त्रबाहु अजुर्न ने उसे अपने राज्य महिष्मति में कैंद कर लिया था।

परिवार का महत्व कम था

रावण का परिवार बहुत बड़ा था। इसलिए भी उसे परिवार की कदर नहीं थी। उसकी बहन शूर्पणखा ने विघ्धुतजिव्ह नाम के राक्षस से शादी की थी। रावण इससे खुश नहीं था उसने विघ्धुतजिव्ह को मार दिया। विभीषण को लंका से निकाल दिया और अपने मामा मरीच को सोने का हिरण बनने पर मजबूर किया।

रुलाने वाला था इसलिए रावण नाम पड़ा

रावण का नाम रावण कैसे पड़ा, इसके पीछे कई तरह की कहानियां हैं। रावण का अर्थ रुलाने वाला , रावण जब पैदा हुआ था तो वह बहुत जोर से रोया। उसके रोने की आवाज से सब डर गए तब नाम रखा गया रावण।

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