Bhavnagar. हिंदुस्तान विविधताओं से भरा देश हैं। हमारे देश में खान-पान, रहन-सहन से लेकर कई रोचक तथ्य हैं जिसके लिए भारत देश दुनिया में जाना जाता है। कुछ ऐसे ही एक अनोखे रोचक तथ्य से आपको हम अवगत करा रहे हैं क्या आपने कभी कोई ऐसा शहर देखा है जो पूर्ण रूप में शाकाहारी हो? चौंकिए नहीं ये सत्य हैं। पूर्णत: शाकाहारी वाला यह शहर गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है और इसका नाम पालीताना है। इस शहर में न सिर्फ मांसाहार भोजन का सेवन बल्कि इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध है। यह शहर जैन धर्म की आस्था से जुड़ा है क्योंकि इस शहर में एक ही पर्वत पर 900 से अधिक मंदिर स्थित है जोकि विश्व में एक रिकॉर्ड है। पूरी दुनिया से जैन सहित अन्य श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं जिससे इस शहर की शोभा देखते ही बनती है।
आखिर क्या खास है पालीताना में
गुजरात का पालीताना शहर अपने आप में बेहद खास है। भावनगर जिले का यह शहर शत्रुंजय पहाड़ी हैं, जिस पर एक हजार से ज्यादा मंदिर हैं, इनमें से मुख्य मंदिर जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। यहां सबसे बड़ा चौमुखा मंदिर है। इसके अलावा कुमारपाल, समप्रति राज, विमलशाह मंदिर मंदिर भी यहां हैं। संगमरमर के पत्थरों से निर्मित ये मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना माने जाते हैं। 11वीं से 12वीं शताब्दी के दौरान यहां पर जैन मंदिरों का निर्माण किया गया था। ऐसी मान्यता है कि यहां पर श्रृषि मुनियों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसीलिए पालीताना को जैन अनुयायियों का सबसे पवित्र शहर माना जाता है।
कैसे बना शाकाहारी शहर
पालीताना के पूरी तरह शाकाहारी शहर बनने के पीछे एक रोचक कहानी है। दरअसल, वर्ष 2014 में, सरकार ने इस क्षेत्र में पशु वध पर प्रतिबंध लगा दिया और तब से, यहां एक भी जानवर नहीं मारा गया है। यह प्रतिबंध तब लागू किया गया था जब सरकार को यह दिखाने के लिए लगभग 200 जैन भिक्षुओं ने भूख हड़ताल पर जाकर विरोध किया कि वे क्षेत्र में पशु वध और उपभोग की अनुमति देने की तुलना में मरना पसंद करेंगे। उस दौरान भिक्षुओं ने सभी 250 कसाई की दुकानों को बंद करने की मांग की और राज्य सरकार को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस प्रकार, शहर को मांस मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया था। हालांकि, डेयरी उत्पादों को अभी भी अनुमति है और शहर में लोग दूध, घी, मक्खन आदि का सेवन करते हैं। इस तरह यह शहर विश्व का पहला शाकाहारी शहर बन गया।
बड़ी संख्या में हैं मंदिर
पालीताना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यहां पर सैकड़ों मंदिरों हैं और जैनियों का एक प्रमुख तीर्थस्थल भी है। ऐसा कहा जाता है कि जैन तीर्थंकर आदिनाथ, एक बार इसकी पहाड़ियों पर चले गए थे और तब से अनुयायियों के लिए यह स्थान महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि यहां पर पशु वध के विरोध में बड़ी संख्या में लोगों ने आपत्ति जताई। यह स्थान जैन समुदाय के लिए सबसे पवित्र तीर्थस्थल भी यहां पर है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर परिसर माना जाता है।
ऐसे पहुंचें यहां तक
पालीताना गुजरात के भावनगर के दक्षिण पश्चिम में 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर शत्रुंजय पहाड़ी है। यहां हवाई और रेल मार्ग दोनों से जाया जा सकता है। सबसे नजदीकी हवाईअड्डा भावनगर है, जिसकी पालीताना से दूरी तकरीबन 62 किमी है। इसके अलावा आप वड़ोदरा या अहमदाबाद से रेल या बस द्वारा भी यहां पहुंच सकते हैं।