Akshaya Tritiya 2024 : अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त पर नहीं होंगी शादियां

हिंदू धर्म शास्त्रों में अक्षय तृतीया तिथि को बेहद खास माना गया है। अक्षय तृतीया का पर्व प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु, भगवान परशुराम और भगवान वेद व्यास को समर्पित है।

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Pratibha ranaa
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BHOPAL. इस साल अक्षय तृतीया 10 मई 2024 को है ( Akshaya Tritiya 2024 Date ) । मांगलिक कार्य के लिए अक्षय तृतीया ( Akshaya Tritiya ) का दिन श्रेष्ठ है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के साथ शुभ चीजों जैसे सोना-चांदी, वाहन की खरीदारी करने से आर्थिक संकट दूर होता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त (  Akshaya Tritiya shubh muhurat ) माना गया है यानी इस दिन बिना मुहूर्त विचार के कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है।

अक्षय तृतीय 2024 चौघड़िया मुहूर्त 

  • चर (सामान्य) - सुबह 05.33 - सुबह 07.14
  • लाभ (उन्नति) - सुबह 07.14 - सुबह 08.56
  • अमत (सर्वोत्तम) - सुबह 08.56 - सुबह 10.37
  • शुभ (उत्तम) - दोपहर 12.18 - दोपहर 01.59

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त 

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारम्भ 10 मई, 2024 को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 11 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में अक्षय तृतीया का त्योहार10 मई को मनाया जाएगा। 

पूजा का शुभ मुहूर्त 

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। 

अक्षय तृतीया: पौराणिक महत्व, परंपराएं और शुभ कार्य

अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु, भगवान परशुराम और भगवान वेद व्यास को समर्पित है।

पौराणिक महत्व

भगवान विष्णु का जन्म:

  • अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
  • कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु के पृथ्वी पर अवतरण का भी प्रतीक है।

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वेद व्यास का जन्म:

अक्षय तृतीया को महर्षि वेद व्यास, जिन्होंने महाभारत और अन्य हिंदू ग्रंथों को लिखा था, का जन्म हुआ था।

गंगा नदी का अवतरण:

यह भी माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरी थी।

दान-पुण्य:

  • अक्षय तृतीया को दान-पुण्य करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है।
  • इस दिन सोना, चांदी, भोजन, कपड़े और अन्य वस्तुएं दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।

स्नान और पूजा:

लोग त्योहार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान विष्णु, भगवान परशुराम और भगवान वेद व्यास की पूजा करते हैं।

तीर्थ यात्रा:

  • अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ यात्रा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
  • गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है।

शुभ कार्य:

विवाह:

  • अक्षय तृतीया को विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • इस दिन किए गए विवाह अटूट और सुखी होते हैं।

ग्रह प्रवेश:

  • इस दिन नए घर में प्रवेश करना भी शुभ माना जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन घर में प्रवेश करने से सुख-समृद्धि आती है।

नया व्यवसाय शुरू करना:

  • अक्षय तृतीया को नया व्यवसाय शुरू करना भी शुभ माना जाता है।
  • इस दिन शुरू किए गए व्यवसायों में तरक्की होती है।

बिना मुहूर्त के कर सकते है शुभ काम

अक्षय तृतीया को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन मांगलिक काम नहीं होते हैं। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन मांगलिक काम किए जाते हैं। मान्यता तो ये भी है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम की जयंती मनाई जाती है। इसलिए इस दिन शुभ काम कर सकते हैं और इस दिन कोई शुभ काम करना बेहद खास भी माना जाता है। इस दिन आप बिना मुहूर्त के भी शादी, मुंडन, जैसे मांगलिक काम कर सकते हैं। 

क्या कहते हैं कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ?

वहीं सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का कहना है कि अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होता है और भगवान को साक्षी मानकर विवाह किया जा सकता है। बता दें, अक्षय तृतीया पर माना जाता है कि सोना खरीदना शुभ होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।

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