चैत्र मास 2025: चैत्र मास हिंदू पंचांग का पहला महीना है और यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मौसम के बदलाव का संकेत भी देता है। इस महीने की शुरुआत से ही तापमान बढ़ने लगता है। तो ऐसे में शास्त्रों के मुताबिक, कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन इस समय विशेष रूप से लाभकारी माना गया है, जबकि कुछ खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है। तो ऐसे में आइए शास्त्रों के मुताबिक जानते हैं इस महीने में क्या खाएं और क्या न खाएं।
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चैत्र मास में क्या खाएं
नीम
नीम का सेवन इस महीने में अत्यंत फायदेमंद माना गया है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि, नीम में शीतला माता का वास होता है, जो रोगों से मुक्ति दिलाने में मदद करती है। नीम के पत्तों का सेवन शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है।
पानी
गर्मियों की शुरुआत के साथ, पानी का सेवन बहुत ही जरूरी हो जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस महीने में पानी पीने से शरीर में ताजगी बनी रहती है और शरीर हाइड्रेटेड रहता है।
चने
चने का सेवन इस महीने में बढ़ा देना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को प्रोटीन और ऊर्जा प्रदान करता है। यह शरीर को हल्का और सक्रिय बनाए रखने में मदद करता है।
मिश्री के साथ दूध
दूध का सेवन मिश्री के साथ करना इस महीने में उत्तम माना गया है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करता है और हाजमा बेहतर करता है।
फल और सब्जियां
इस समय मौसमी फल और ताजगी से भरपूर सब्जियां खानी चाहिए। इनसे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है।
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चैत्र मास में क्या न खाएं
दूध
शास्त्रों के मुताबिक, इस महीने में सामान्य दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। यह शरीर को भारी महसूस करवा सकता है। इसके बजाय, मिश्री या शक्कर डालकर दूध पीने की सलाह दी जाती है।
तेज मसालेदार भोजन
मसालेदार और तैलीय भोजन से बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है।
गुड़
गुड़ का सेवन इस महीने में नहीं करना चाहिए। यह गर्मी उत्पन्न करता है और शरीर को असंतुलित कर सकता है।
खट्टी चीजें
खट्टी चीजों जैसे नींबू, सिरका आदि का सेवन भी इस महीने वर्जित है, क्योंकि ये शरीर में अधिक गर्मी का कारण बन सकते हैं।
तामसिक भोजन
शास्त्रों में यह सलाह दी जाती है कि इस महीने में तामसिक भोजन और शराब से पूरी तरह परहेज करें। यह शरीर की ऊर्जा को नष्ट करता है और मानसिक शांति में विघ्न डालता है।
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चैत्र मास के वैज्ञानिक महत्व
चैत्र मास को न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना गया है, बल्कि इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं। इस समय मौसम में बदलाव होने के कारण शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। धार्मिक दृष्टिकोण से, इस महीने में विशेष रूप से आयुर्वेदिक उपायों और स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन करने से मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखा जाता है।
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