अंकुश मौर्य, BHOPAL. टीटी नगर दशहरा मैदान में चल रही कथावाचक पंडित देवकीनंदन ठाकुर की कथा का 8 अप्रैल, शनिवार को आखिरी दिन था। शाम को कथा समाप्त होने के बाद बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री पं. देवकीनंदन ठाकुर से मिलने पहुंचे। मंच पर पहुंचते ही जयकारे गूंज उठे और श्रद्धालु भावविभोर हो गए। मंच पर ही दोनों संत एक-दूसरे से गले भी लगे। देवकीनंदन ने कथा के दौरान कहा कि अयोध्या तो झांकी थी मथुरा और काशी अभी बाकी है। मैं तो मथुरा में मंदिर बनाने के लिए आंदोलन करूंगा। क्या आप भी मेरे साथ हैं।
देवकी नंदन ठाकुर के प्रवचन के अंश
- तुम लोग कम बोलते हो इसलिए तुम्हारी आवाज बंद करने की योजना बनाई जा रही है...इसलिए जोर से बोलना पड़ेगा जय श्री राम।
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धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- वक्ता को नहीं, वक्तव्य को पकड़ो
कार्यक्रम को धीरेंद्र शास्त्री ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राम चरित मानस के प्रसंग से अपनी बात रख रहा हूं। कभी वक्ता को मत पकड़ो। वक्तव्य को पकड़ो। वक्ता अगर संसार में सबसे बढ़िया है तो हनुमान जी है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है। अयोध्या तो झांकी थी मथुरा काशी बाकी है...भारतवर्ष के कृष्ण उपासकों को देवकीनंदन ठाकुर के साथ आंदोलन में साथ देना चाहिए। हम तो साथ है, जो नहीं है उनकी ठठरी बंधे।