दुर्गाष्टमी पर बन रहा दुर्लभ शिववास, मां की ऐसे पूजा करने से मिलेगा दोगुना फल

मार्च 2025 की दुर्गाष्टमी पर बन रहे दुर्लभ शिववास और शुभ योग साधकों के लिए बेहद खास रहेंगे। इस दिन विधिपूर्वक मां दुर्गा की आराधना करने से हर मनोकामना पूर्ण होगी।

author-image
Kaushiki
New Update
DURGAAASTAMI 2025
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

सनातन धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि श्रद्धा और भक्ति भाव से मां दुर्गा की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और अनुष्ठान किए जाते हैं। भक्तगण इस दिन उपवास रखते हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं।

ये खबर भी पढ़ें...

तमिलनाडु का रहस्यमयी शिव मंदिर, जहां साल में सिर्फ एक दिन होती है पूजा

दुर्गाष्टमी 2025 की तिथि

वैदिक पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 मार्च 2025 को सुबह 10:50 बजे से शुरू होगी और 07 मार्च 2025 को सुबह 09:18 बजे समाप्त होगी। ऐसे में क्योंकि सनातन धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए दुर्गाष्टमी 07 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त मां दुर्गा की पूजा कर व्रत रखते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।

बन रहे विशेष शुभ योग

  • वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस साल दुर्गाष्टमी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देंगे।
  • प्रीति योग - यह संयोग 07 मार्च 2025 को संध्या 06:15 बजे तक रहेगा। यह योग प्रेम, आनंद और शुभता को बढ़ाने वाला होता है।
  • आयुष्मान योग - 08 मार्च 2025 को शाम 04:24 बजे तक रहेगा। इस योग में की गई पूजा से दीर्घायु और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • शिववास योग - यह अत्यंत दुर्लभ योग 07 मार्च 2025 को सुबह 09:18 बजे से शुरू होगा। इस दौरान भगवान शिव स्वयं माता पार्वती के साथ कैलाश पर विराजमान होंगे। माना जाता है कि, इस योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।
  • पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास की दुर्गाष्टमी पर मृगशिरा नक्षत्र का संयोग रहेगा, जो पूजा और साधना के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • इसके अलावा, बालव और कौलव करण के शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोगों में पूजा करने से साधक को विशेष फल प्राप्त होते हैं और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

ये खबर भी पढ़ें..

रविवार को इस विधि से करें सूर्य पूजा, किस्मत और करियर में आ जाएगी चमक

पूजा विधि

मान्याता के मुताबिक, सबसे पहले

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मां दुर्गा की पूजा करने का संकल्प लें।
  • मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं और सुगंधित धूप अर्पित करें।
  • गुलाल, लाल फूल, अक्षत (चावल) और नारियल अर्पित करें।
  • नवदुर्गा स्तोत्र, दुर्गा चालीसा और सप्तशती का पाठ करें।
  • भोग में फल, पंचामृत और हलवे का प्रसाद चढ़ाएं।
  • आरती करें और अपनी मनोकामना मां के चरणों में समर्पित करें।
  • अंत में ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और दान करें।

दुर्गाष्टमी 2025 का पंचांग

वैदिक पंचांग के मुताबिक,

  • सूर्योदय: सुबह 06:40 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:25 बजे
  • चंद्रोदय: दोपहर 11:45 बजे
  • चंद्रास्त: देर रात 02:39 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:02 से 05:51 तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:17 तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:22 से 06:47 तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 12:07 से 12:56 तक है।

ये खबर भी पढ़ें..

जानिए शिव पुराण के मुताबिक सप्ताह के सातों दिन किस देवी-देवता की पूजा करें

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

latest news दुर्गा उत्सव 9 forms of Maa Durga शुभ मुहूर्त धर्म ज्योतिष न्यूज maa durga मां दुर्गा पूजा
Advertisment