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जयपुर के मोती डूंगरी पहाड़ियों पर स्थित एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर, जो हर साल केवल महाशिवरात्रि के दिन भक्तों के लिए खोला जाता था, इस बार भी 26 फरवरी 2025 को बंद रहा। यह लगातार पांचवां वर्ष है जब यह मंदिर महाशिवरात्रि के दिन भी नहीं खुला। बता दें कि, श्रद्धालुओं को उम्मीद थी कि इस वर्ष वे भगवान शिव के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन मंदिर के बंद रहने की सूचना से उन्हें निराशा हाथ लगी।
मंदिर के मुख्य द्वार पर एक सूचनापत्र चिपकाया गया, जिसमें मंदिर न खुलने का कारण बताया गया है। यह सूचना जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विजित सिंह के नाम से जारी की गई है। अब ऐसे में श्रद्धालु चाहते हैं कि, अगले साल से मंदिर के द्वार फिर से खोले जाएं।
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मंदिर प्रशासन ने जारी की सूचना
मंदिर प्रशासन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि, अनिवार्य कारणों से इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर मंदिर को आमजन के लिए नहीं खोला जाएगा। मंदिर प्रबंधन ने इससे अधिक जानकारी साझा नहीं की, जिससे श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी गई। श्रद्धालुओं का मानना है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के दर्शन से विशेष पुण्य लाभ प्राप्त होता है, लेकिन लगातार पांच वर्षों से मंदिर का बंद रहना कई सवाल खड़े करता है।
श्रद्धालुओं में गहरी निराशा
हर साल महाशिवरात्रि के दिन हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते थे। लेकिन पिछले पांच वर्षों से वे लगातार मंदिर के दरवाजे बंद होने के कारण निराश लौट रहे हैं। इस वर्ष भी जब मंदिर के द्वार नहीं खुले, तो श्रद्धालुओं ने गहरी निराशा व्यक्त की। कुछ श्रद्धालु मंदिर के पास घंटों तक खड़े रहे इस उम्मीद में कि शायद मंदिर प्रशासन अचानक इसे खोलने का निर्णय ले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार भी उन्हें मंदिर के बाहर से ही भगवान शिव की प्रार्थना कर लौटना पड़ा।
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मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
बता दें कि, इस मंदिर के पीछे ऐतिहासिक महत्व जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि, एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण सवाई जयसिंह के शासनकाल में हुआ था। इसे पहले शंकरगढ़ के नाम से जाना जाता था। बाद में सवाई जयसिंह के पुत्र माधो सिंह ने इसका नाम बदलकर एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर कर दिया।
यह मंदिर राजस्थान के प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है और इसमें भगवान शिव की भव्य मूर्ति स्थापित है। माना जाता है कि, इस मंदिर की स्थापना के समय भगवान शिव के पूरे परिवार की मूर्तियां भी स्थापित की गई थीं, लेकिन वे रहस्यमयी तरीके से गायब हो गईं। तभी से मंदिर में केवल भगवान शिव की मूर्ति ही स्थापित है।
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मंदिर बंद रहने की वजह
वहीं, मंदिर हर साल केवल महाशिवरात्रि के दिन खोला जाता था, लेकिन पिछले पांच वर्षों से यह बंद पड़ा है। मंदिर प्रबंधन की ओर से कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया जा रहा है कि, आखिर क्यों इसे भक्तों के लिए नहीं खोला जा रहा। कुछ स्थानीय लोग मानते हैं कि यह किसी विशेष धार्मिक मान्यता या प्रशासनिक कारणों से हो सकता है। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर प्रबंधन इसे निजी कारणों से बंद रख रहा है।
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श्रद्धालुओं की मांग
श्रद्धालु लगातार मंदिर प्रबंधन से मांग कर रहे हैं कि महाशिवरात्रि पर मंदिर को खोला जाए, ताकि वे भगवान शिव के दर्शन कर सकें। कुछ श्रद्धालुओं ने स्थानीय प्रशासन और जयपुर राजपरिवार से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और सुनिश्चित करें कि अगले साल से मंदिर के द्वार फिर से भक्तों के लिए खोले जाएं।
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