नवरात्रि का समय देवी मां के भक्तों के लिए खास होता है। इस दौरान भक्त अलग-अलग देवी मंदिरों में जाकर मां के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रही है। ऐसे में भक्त देवी के अलग-अलग मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं। तो ऐसे में आज हम बात करेंगे गुजरात के पवित्र देवी मंदिर की। गुजरात में कई पवित्र देवी मंदिर स्थित हैं, जहां हर साल हजारों लोग नवरात्रि के समय जाते हैं। आज हम आपको गुजरात के 5 सबसे फेमस देवी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां आपको नवरात्रि में जरूर जाना चाहिए।
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अंबाजी मंदिर
अंबाजी मंदिर उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के अंबाजी कस्बे में स्थित है। यह मंदिर देवी अंबे का शक्तिपीठ है, जो मां दुर्गा का एक रूप मानी जाती हैं। मंदिर में एक विश्व यंत्र स्थापित है, जिस पर 'श्री' शब्द गढ़ा हुआ है, जो देवी का प्रतीक माना जाता है।
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नर्मदा माता मंदिर
यह मंदिर भरूच शहर के डांडिया बाजार में स्थित है और 150 साल पुराना है। यह देवी नर्मदा को समर्पित है, जो स्वप्न पूर्ति की देवी मानी जाती हैं। माना जाता है कि देवी नर्मदा अपने भक्तों के सपने पूरे करती हैं।
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रुक्मिणी देवी मंदिर
रुक्मिणी देवी मंदिर भगवान कृष्ण की पहली पत्नी रुक्मिणी को समर्पित है। यह मंदिर द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और पानी के एक कुंड पर स्थित है। यहां रुक्मिणी को 'महालक्ष्मी' के रूप में पूजा जाता है।
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आशापुरा देवी मंदिर
यह मंदिर गुजरात के भुज शहर से लगभग 138 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवी आशापुरा को लेकर यह मंदिर एक शांत और आध्यात्मिक स्थान है। कई समुदायों के लोग देवी आशापुरा को अपनी कुलदेवी मानते हैं और नवरात्रि के समय यहाँ एक वार्षिक मेला भी लगता है।
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कालिका माता मंदिर
यह मंदिर पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित है और हिंदू देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर शक्ति का प्रतीक माना जाता है और यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
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