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सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला हरियाली तीज का व्रत भारतीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है। इस साल यह पावन व्रत 27 जुलाई 2025 को पड़ रहा है।
यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक है, और इस दिन इनकी आराधना करने से वैवाहिक जीवन में सुख और सौभाग्य बना रहता है।
मान्यता है कि माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए इस दिन कठोर तपस्या और व्रत किया था। इसी वजह से कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।
वहीं, विवाहित महिलाएं अपने अखंड सुहाग और पति की लंबी आयु की कामना के लिए यह व्रत श्रद्धापूर्वक करती हैं। आइए जानें हरियाली तीज पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में...
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हरियाली तीज के शुभ मुहूर्तहिंदू पंचांग के मुताबिक,
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हरियाली तीज पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
हरियाली तीज की पूजा के लिए आपको विभिन्न प्रकार की सामग्री की जरूरत होगी। इन्हें पहले से ही इकट्ठा कर लेना चाहिए ताकि पूजा के समय कोई कमी न रहे।
मिट्टी की शिव-पार्वती की प्रतिमाएं
- इस दिन विशेष रूप से मिट्टी से बनी भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं।
- यदि मिट्टी की प्रतिमाएं उपलब्ध न हों, तो आप धातु या किसी अन्य सामग्री की प्रतिमाएं भी उपयोग कर सकती हैं।
चौकी और आसन
- पूजा के लिए एक साफ चौकी या पाटा।
- देवी-देवताओं को स्थापित करने के लिए लाल या पीले रंग का आसन (वस्त्र)।
जल संबंधित सामग्री
- जल से भरा एक कलश या लोटा।
- गंगाजल- शुद्धिकरण के लिए।
- शंख - यदि उपलब्ध हो।
पूजा के लिए आवश्यक वस्तुएं
- दीपक- गाय के घी या तिल के तेल का
- माचिस या लाइटर
- अगरबत्ती और धूप
- कपूर
- रुई की बत्ती
- आरती के लिए थाली
भोग और नैवेद्य
- नारियल
- ताजे फल
- मिठाई - विशेष रूप से तीज के लिए तैयार की गई
- पंचामृत- दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण
- बेलपत्र - भगवान शिव को प्रिय
- दूर्वा - भगवान गणेश को प्रिय
- चावल - अक्षत के लिए
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सोलह श्रृंगार की सामग्री
यह सामग्री विशेष रूप से माता पार्वती को अर्पित की जाती है, जो सुहाग और वैवाहिक सुख का प्रतीक है।
- चूड़ियां (Bangles) - हरे, लाल या सोने के रंग की
- बिंदी
- सिंदूर
- मेहंदी
- काजल
- कुमकुम
- महावर या आलता
- मांग टीका
- नथ
- कानों के झुमके
- गले का हार
- अंगूठी
- कमरबंद
- पायल
- बिछिया
- सुहाग की अन्य सामग्री जैसे साड़ी या चुनरी।
अन्य जरूरी समान
- पुष्प - विभिन्न प्रकार के ताजे फूल, विशेषकर गुड़हल, गुलाब, गेंदा
- फूलों की माला
- इत्र
- वस्त्र - देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए
- पान के पत्ते
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- दक्षिणा - चढ़ावे के लिए।
यह व्रत प्रकृति की हरियाली और जीवन में खुशियों के आगमन का भी संकेत देता है। हरियाली तीज पर विधिवत पूजन सामग्री के साथ माता पार्वती को सुहाग की चीजें अर्पित की जाती हैं, ताकि उनका आशीर्वाद बना रहे और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहे।
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