11 अगस्त यानी आज सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन देवी पार्वती और शिव के पुर्नमिलन का योग बना था जिसकी वजह से इस दिन को हरियाली तीज कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में देवी पार्वती ने खुद को प्रकृति के रूप में रंग लिया था और शिव की भक्ति में लीन हो गई थी। तृतीया तिथि को इन्होंने शिव को पति रूप में पाने के लिए विशेष पूजा अर्चना की इसीलिए सुहागिनों के लिए सावन शुक्ल तृतीया यानी हरियाली तीज का विशेष महत्व है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिन्दी पंचांग के अनुसार, सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट से शुरु हो रही है। 11 अगस्त दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर यह तिथि खत्म होगी। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 11 अगस्त को रखा जाएगा।
कैसे करें हरियाली तीज की पूजन विधि
हरियाली तीज के दिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखती है और भगवान शिव -माता पार्वती की पूजा करती है। व्रत वाले दिन व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनती हैं। फिर पूजा स्थान में जाकर व्रत करने का संकल्प करती है। इसके बाद साफ मिट्टी से भगवान शिव-माता पार्वती और गणेशजी की मूर्ति बनाती है या बाजार से लाई हबुई मूर्ति को पूजा वाले स्थान पर रख कर पूजा करती हैं। सबसे पहले भगवान गणेशजी की पूजा होती है फिर महादेव और माता पार्वती की पूजा होती है। पूजन के समय माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री चढ़े और शिवजी को वस्त्र। इसके बाद महिलाएं तीज व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। अंत में भगवान गणेश, माता पार्वती और शिवजी की आरती करें। इन्हें नैवेद्य अर्पित करें और फिर घर में बने पकवानों का भोग लगाएं। इस प्रसाद को खुद भी लें और घर के लोगों में भी बांटे।