जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी के पीछे छिपा है गहरा रहस्य, जानें इस गूढ़ रहस्य के बारे में

पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी, जिसे 'यम शिला' कहा जाता है, का धार्मिक और पौराणिक महत्व है। जानें क्यों भक्तों को इस पर पैर नहीं रखना चाहिए।

author-image
Kaushiki
New Update
Third staircase of Jagannath temple
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

पुरी का जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है और इसे धरती पर बैकुंठ धाम के रूप में भी पूजा जाता है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (भगवान विष्णु के अवतार) को समर्पित है।

मंदिर की सबसे प्रसिद्ध परंपरा रथ यात्रा है, जो हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष में होती है और इसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं। इस यात्रा में शामिल होने से जीवन के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।

ऐसे में इस मंदिर से जुड़ा एक ऐसा रहस्य है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यह रहस्य है मंदिर की तीसरी सीढ़ी का, जिसे यम शिला कहा जाता है। आइए जानें इस तीसरी सीढ़ी के रहस्य के बारे में।

ये खबर भी पढ़ें...  दुनियाभर में प्रसिद्ध है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, जानिए इसका महत्व

जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने की है सख्त मनाही, क्या आप जानते  हैं ऐसा क्यों किया जाता है, आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? | Jansatta

तीसरी सीढ़ी का महत्व

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं, लेकिन इसकी तीसरी सीढ़ी को विशेष मान्यता प्राप्त है। इसे 'यम शिला' कहा जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस सीढ़ी पर यमराज का वास है।

पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार यमराज ने देखा कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं, जिससे यमलोक में जाने वालों की संख्या कम हो गई।

यमराज ने भगवान जगन्नाथ से पूछा कि लोग आपके दर्शन से ही मोक्ष प्राप्त कर रहे हैं और अब कोई यमलोक नहीं जा रहा। भगवान ने यमराज से कहा, "तुम मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करो।

अब जो भी भक्त मेरे दर्शन के बाद इस सीढ़ी पर पैर रखेगा, वह पापों से मुक्त तो हो जाएगा, लेकिन यमलोक भी जाएगा।" इसके बाद से ही यह सीढ़ी 'यम शिला' के नाम से प्रसिद्ध हो गई। यह सीढ़ी बाकी सीढ़ियों से अलग काली रंग की होती है, ताकि भक्त इसे आसानी से पहचान सकें।

जगन्नाथ पुरी की तीसरी सीढ़ी पर क्यों नहीं रखते पैर? हैरान कर देने वाला है  रहस्य - Bharat Express Hindi

सीढ़ी का काला रंग

तीसरी सीढ़ी का रंग विशेष रूप से काला है। इसे लेकर भी एक मान्यता है कि काले रंग को मृत्यु और अंधकार का प्रतीक माना जाता है और यही वजह है कि यह सीढ़ी बाकी सीढ़ियों से अलग रंग की है।

काले रंग के प्रतीक रूप में इसे यमराज से जोड़ा जाता है, जो मृत्यु के देवता माने जाते हैं। काला रंग उन पापों का प्रतीक है, जिनसे मुक्ति प्राप्त करने के लिए यह चेतावनी दी जाती है कि तीसरी सीढ़ी पर कदम न रखा जाए।

ये खबर भी पढ़ें...पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, 12 दिनों तक चलेगी भव्य यात्रा, सुरक्षा इंतजाम मजबूत

Jagannath Temple Mystery Why Don't Step On Third Stair Of Jagannath Temple  Know Secret In Hindi - Amar Ujala Hindi News Live - Jagannath Temple  Mystery:जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर नहीं

श्रद्धालुओं के लिए जरूरी निर्देश

इस पुरानी मान्यता के कारण, जगन्नाथ मंदिर में एक विशेष नियम है कि भक्तों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं रखना चाहिए। यदि कोई श्रद्धालु इस सीढ़ी पर पैर रखता है, तो वह पापों से मुक्ति प्राप्त करने के बावजूद यमलोक को जाएगा।

यह नियम इसलिए है ताकि श्रद्धालु यम शिला से जुड़ी इस धार्मिक मान्यता का पालन करें और भगवान जगन्नाथ की कृपा को सही तरीके से प्राप्त कर सकें। इसलिए, पौराणिक दृष्टिकोण से देखे तो यह सीढ़ी केवल एक प्राकृतिक सीढ़ी नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक कड़ी है जो हमें जीवन और मृत्यु के बीच का समानान्तर बोध प्रदान करती है।

ये खबर भी पढ़ें... जगन्नाथ मंदिर से जरूर लाएं ये 5 चीजें, घर में कभी नहीं होगी अन्न-धन की कमी

thesootr links

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 जगन्नाथ पुरी मंदिर | जगन्नाथपुरी रथयात्रा | जगन्नाथ यात्रा न्यूज | जगन्नाथ रथ यात्रा मान्यता | Jagannath Rath Yatra | Jagannath Puri Temple | धर्म ज्योतिष न्यूज

Jagannath Rath Yatra जगन्नाथ रथ यात्रा मान्यता Jagannath Puri Temple Jagannath जगन्नाथ जगन्नाथपुरी रथयात्रा जगन्नाथ यात्रा न्यूज धर्म ज्योतिष न्यूज जगन्नाथ पुरी मंदिर