कार्तिक मास में बन रहे शुभ योग, समस्याओं से मिलेगी मुक्ति

कार्तिक मास भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। यह महीना अक्टूबर-नवंबर के बीच आता है। इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है। आइए जानते हैं इस साल कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा है...

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Ravi Singh
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Kartik Maas 2024 : हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बहुत खास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह महीना भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। यह महीना अक्टूबर-नवंबर के बीच आता है। कार्तिक महीने में श्री हरि योग निद्रा से जागते हैं। कहा जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है। आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस साल Kartik Maas कब से शुरू हो रहा है...

कब से शुरू है कार्तिक मास 

ज्योतिषाचार्य पंडित राम के अनुसार Kartik Maas 18 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 15 नवंबर को इसका समापन होगा। इस महीने में रोज सुबह 3 बजे से 6 बजे के बीच उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यह महीना 'कार्तिक स्नान' के लिए भी महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इस महीने पवित्र नदी में स्नान करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भजन गाना, दीप जलाना और तुलसी के पौधे की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु की उपासना करें

कार्तिक मास में श्री हरि जल में निवास करते हैं। भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए यह महीना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान हर दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। तुलसी के पौधे की पूजा करना भी बहुत जरूरी है। सुबह-शाम तुलसी के पौधे के पास देसी घी का दीपक जलाने से विशेष फल मिलता है। इसके अलावा अपनी श्रद्धानुसार गरीबों को गर्म कपड़े, भोजन या धन दान करना भी पुण्यकारी माना जाता है। इस माह में तुलसी के साथ शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।आपको बता दें कि शालिग्राम भगवान विष्णु का ही एक रूप है।

कार्तिक मास के नियम

इस महीने तामसिक भोजन से बचना चाहिए। किसी भी तरह की गाली-गलौज या गलत व्यवहार से बचना चाहिए। शरीर और मन की स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। इसके साथ ही किसी भी तरह के पशु-पक्षी को नुकसान पहुंचाने से भी बचना चाहिए। इस महीने में संयम और ध्यान का विशेष महत्व है, जो जीवन को पवित्रता और शांति प्रदान करता है।

कार्तिक माह में शुभ योग

अमृतसिद्ध योग - 21 अक्टूबर को अमृत सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 50 मिनट से लेकर रात 02 बजकर 29 मिनट तक है।

रवियोग दिन - 22 अक्टूबर को रवियोग पूरे दिन और रात तक रहने वाला है।

सर्वार्थसिद्ध योग - 30 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 50 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बनने जा रहा है।

रवियोग सुबह - 04 नवंबर को सुबह 08 बजकर 06 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 42 मिनट तक रवि योग रहने वाला है।

सर्वार्थसिद्धि योग - 12 नवंबर को सुबह 07 बजकर 52 मिनट से लेकर शाम तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है।

इस महीने जरूर करें भगवान विष्णु की आरती

भगवान विष्णु जी की आरती 

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ओम जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ओम जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी। स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ओम जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी। पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ओम जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता। स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ओम जय जगदीश हरे।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ओम जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा। स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, संतन की सेवा॥ ओम जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे। स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥ ओम जय जगदीश हरे।

कार्तिक मास के बारे में

कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा है?
कार्तिक मास 18 अक्टूबर 2024 से शुरू होगा और 15 नवंबर 2024 को समाप्त होगा।
कार्तिक मास का धार्मिक महत्व क्या है?
यह महीना भगवान विष्णु को प्रिय माना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और आर्थिक समस्याएं दूर होने की मान्यता है।
इस महीने में किन धार्मिक गतिविधियों का पालन करना चाहिए?
इस महीने पवित्र नदी में स्नान, भजन गाना, दीप जलाना और तुलसी के पौधे की पूजा करना शुभ माना जाता है।
कार्तिक मास में किस प्रकार के भोजन से बचना चाहिए?
इस महीने तामसिक भोजन से बचना चाहिए और गाली-गलौज या गलत व्यवहार से दूर रहना चाहिए।
कार्तिक मास के दौरान दान देने का महत्व क्या है?
इस महीने में गरीबों को गर्म कपड़े, भोजन या धन दान करना पुण्यकारी माना जाता है, और यह भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक साधन है।

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