इस साल की मौनी अमावस्या है बेहद खास, 30 साल बाद बन रहा खप्पर योग, जानिए व्रत के नियम और कुछ विशेष उपाय, जिनसे मिलेगा लाभ

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The Sootr
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इस साल की मौनी अमावस्या है बेहद खास, 30 साल बाद बन रहा खप्पर योग, जानिए व्रत के नियम और कुछ विशेष उपाय, जिनसे मिलेगा लाभ

डेस्क. कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या के रूप में मनाया जाता है, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मौनी अमावस्या मनाई जाती है। मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का विशेष महत् कई धर्म ग्रंथों में और सनातन परंपरा के विद्वानों ने बताए हैं। ऐसा कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने से मनुष्ट के सभी पाप और बुरे कर्म मिट जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी दिन शनिवार को आ रही है। इस बार मौनी अमावस्या बेहद खास रहने वाली है, मौनी अमावस्या पर पूरे 30 साल बाद एक विशिष्ट योग बन रहा है।



30 साल बाद खप्पर योग



ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि मौनी अमावस्या पर 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है, यह योग धार्मिक कार्यों को संपन्न करने और कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करता है, इस ढाई वर्ष की अवधि में शनि कभी मार्गी तो कभी वक्री अवस्था में चलता है। इस वक्त शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं और इसी वजह से मौनी अमावस्या एक अद्भुत और दुर्लभ संयोग में पड़ रही है। ज्योतिष गणना के अनुसार, इस वक्त मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति है, साथ ही त्रिकोण की स्थिति खप्पर योग का निर्माण कर रही है। जब भी इस प्रकार की युति बनती है तो अलग-अलग तरह के योग-संयोग बनते हैं, शनि की 30 साल बाद घर वापसी हुई है। इस लिहाज से शनि के मूल त्रिकोण राशि में रहते हुए मौनी अमावस्या का महापर्व पूरे 30 साल बाद मनाया जा रहा है।



मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय



अमावस्या को पितरों का दिन माना गया है। इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष व कालसर्प दोष दूर होता है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है। अतः इस दिन उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय अवश्य करने चाहिए। 




  • सुबह जल्दी स्नान कर गायत्री मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को जल से अर्ध्य दें। इससे सूर्य की अनुकूलता प्राप्त होती है।


  • मौनी अमावस्या पर अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि करें। यदि संभव हो तो इस दिन पिंड दान भी करें ताकि उनका आशीर्वाद मिल सकें।

  • भूखे-गरीबों को काले रंग के कंबल, काले तिल, तिल के लड्डू, आदि दान करें। यथासंभव उन्हें वस्त्र, भोजन आदि दान करें।



  • मौनी अमावस्या पर व्रत के नियम



    मौनी अमवस्या का व्रत रखने वाले साधक जहां तक संभव हो मौन रहें, मौन व्रत के दौरान मन में उपरोक्त मंत्र का जप करते रहें। इस दिन तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा करें, पूजा-पाठ के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को धन, भोजन और वस्त्रों का दान करें। इस दिन गरीब और भूखे लोगों को भोजन अवश्य कराएं। आप अनाज, वस्त्र, तिल, कंबल और घी का दान कर सकते हैं।

     


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