नवरात्रि: MP के बड़े माता मंदिरों की दर्शन व्यवस्था में बदलाव, जानें किस मंदिर में क्या है गाइडलाइन

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नवरात्रि: MP के बड़े माता मंदिरों की दर्शन व्यवस्था में बदलाव, जानें किस मंदिर में क्या है गाइडलाइन

भोपाल. शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर, गुरूवार से शुरू हो रही है। कोरोना के चलते भक्त 2 साल से मंदिरों से दूर थे। घर से ही उन्होंने आराधना की। इस बार भी कोरोना गाइडलाइन के बीच माता के दर्शन हो पाएंगे। ऐसे में कई मंदिरों ने अपनी व्यवस्थाओं में बदलाव किया है। मध्यप्रदेश के 6 बड़े मंदिर मैहर वाली माता, सलकनपुर माता मंदिर, मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा, देवास वाली माता, रतनगढ़ माता मंदिर और पीतांबरा पीठ मंदिर दतिया कुछ बदलाव के साथ अपने मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं। देवास वाली माता के 9 दिन 24 घंटे दर्शन होंगे। सलकनपुर माता मंदिर 21 घंटे खुला रहेगा।

पीतांबरा माता मंदिर दतिया और मैहर वाली माता

नवरात्रि पर भक्त पीतांबरा माता की 3 आरती में शामिल हो सकेंगे। सुबह 7 बजे, शाम 7 बजे और रात 9 बजे श्रृंगार आरती देख सकेंगे। इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में एंट्री नहीं होगी। भक्तों को चार मेटल डिटेक्टर से गुजरना पड़ेगा। भक्तों को मोबाइल, पर्स, बेल्ट बाहर ही रखना होगा। मंदिर में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक भक्तों को एंट्री मिलेगी। भक्त मंदिर के अंदर प्रसाद लेकर नहीं जा सकेंगे। मंदिर में 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी रहेंगे।

मैहर वाली माता के मंदिर में अलसुबह 3.45 बजे, फिर दोपहर में 1 बजे और शाम को 7 बजे आरती होगी। आरती के बाद रात 10 बजे तक माता के दर्शन कर पाएंगे। माता के दर्शन बाहर लगी रेलिंग से ही कर सकेंगे। भक्त प्रसाद तो ऊपर लेकर जा सकते हैं, लेकिन यहां नारियल फोड़ने की मनाही रहेगी। भंडारे में एक पंगत में 300 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा और देवास वाली माता

मां बगलामुखी में इस बार भक्तों को एंट्री मिलेगी। सुबह 6 बजे से 6.30 तक और शाम 7.30 से 8 बजे तक आरती में सामूहिक रूप से शामिल हो सकते हैं। सुबह 5 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद से रात 11 बजे तक दर्शन होंगे। भक्त माता को इस बार फूलों से श्रृंगारिक देख सकेंगे। स्वर्ण श्रृंगार के बाद माता को आकर्षक चुनरी चढ़ाई जाएगी। भक्तों को बेरिकेड्स से होकर कतार में गुजरना होगा। गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश निषेध रहेगा। इस बार मंदिर में भंडारा नहीं होगा।

भक्त माता के 9 दिन 24 घंटे दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह में नो एंट्री है। सीढ़ी द्वार, रपट मार्ग पर विशेष चेकिंग के बाद भक्तों की एंट्री मिलेगी। मंदिर की खास बात ये है कि यहां पर शाम को पहले बड़ी माता की आरती होगी। सुबह छोटी माता मंदिर में पहले आरती होती है।

रतनगढ़ माता मंदिर और सलकनपुर माता मंदिर

यहां पर सुबह 7 बजे और रात 8 बजे आरती होती है। सुबह आरती के दौरान जो श्रृंगार होता है, माता भक्तों को उसी रूप में दर्शन देती हैं। यहां पर भक्तों की चेकिंग 2 मेटल डिटेक्टर के जरिए होती है। मंदिर में भंडारा इस बार भक्तों द्वारा किया जा सकता है, लेकिन मंदिर से परमिशन लेनी होगी। मंदिर में मोबाइल पर्स बेल्ट इत्यादि की पर को रोक नहीं है।

सलकनपुर माता मंदिर में भक्त 9 दिनों तक अलग-अलग श्रृंगारित दर्शन कर पाएंगे। यहां पर लगातार 21 घंटे तक दर्शन होंगे। सिर्फ रात 12 से अलसुबह 3 बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे। इस बार भक्तों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से गुजरना होगा। यहां पर सुबह 4 बजे दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे आरती होगी। भक्त माता को प्रसाद चढ़ा सकते हैं। यहां पर इस बार भंडारे चलेंगे। मंदिर में मेडिकल टीम तैनात रहेगी।

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