नवरात्रि के नौ दिनों में मां भगवती के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हुई है और 14 अक्टूबर को खत्म होगी। नवरात्रि में भक्त मां दुर्गा की आराधना के साथ-साथ व्रत-उपवास और पूजन भी करते हैं। वैसे तो सच्चे मन से माता को जो भी भोग लगाएंगे, उसे मां ग्रहण कर लेती हैं लेकिन नवरात्रि के नौ दिनों में जिस तरह मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग तरह से पूजा की जाती है, उसी तरह नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां का भोग या प्रसाद भी अलग-अलग ही लगता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा को कौन सा भोग लगाना चाहिए…
मां शैलपुत्री का भोग
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से सभी व्याधियां और रोग दूर हो जाते हैं और, जिससे शरीर निरोगी रहता है।
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी इस संसार की समस्त चर और अचर जगत की विघाओं की ज्ञाता हैं। इस दिन माता को शक्कर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इस भोग को लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और चिरायु का वरदान प्राप्त होता है।
मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा देवी
तीसरा दिन मां भगवती के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। इस दिन माता को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए। चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा देवी का पूजन किया जाता है। इस दिन मां को मालपुआ का नैवेध अर्पण चढ़ाया जाता है।
स्कंदमाता और मां कात्यायनी
मां भगवती के पंचम स्वरूप स्कंदमाता को ब्रह्मस्वरूप सनत्कुमार की माता होने के कारण इनको स्कंदमाता कहा जाता है। नवरात्र के पांचवे दिन केले का नैवेद्य चढ़ाना शुभ माना जाता है। मां भगवती के षष्टम स्वरूप मां कात्यानी की पूजा की जाती है। छठवें दिन मां दुर्गा के इस स्वरूप का भोग शहद से लगाना उत्तम फलदायी रहेगा।
मां कालरात्रि और मां महागौरी
मां कालरात्रि वर्ण और वेश में अर्धनारीश्वर शिव की तांडव मुद्रा में नजर आती हैं। इस दिन माता को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाएं और प्रसाद स्वरूप हर किसी को बांट दें। नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए।
मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नौवें दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन माता को चना-हलवा का भोग लगाना चाहिए। साथ ही कन्या पूजन करना चाहिए।