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Latest Religious News:नए साल के उत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। ऐसे में धार्मिक आस्था रखने वाले लोगों के लिए 1 जनवरी 2026 का दिन बेहद खास होने वाला है।
ज्योतिष विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार 1 जनवरी 2026 बहुत ही खास रहने वाला है। नया साल एक-दो नहीं बल्कि पूरे 9 अद्भुत शुभ संयोगों के साथ शुरू हो रहा है।
ये अद्भुत संयोग भक्तों के लिए साल भर सुख-समृद्धि लाएंगे। इस दिन गुरु प्रदोष व्रत है और यह गुरुवार भी है। इसलिए भगवान शिव और विष्णु दोनों का विशेष आशीर्वाद मिलेगा।
रोहिणी नक्षत्र, शुभ योग और नंदी पर शिववास जैसे ये दुर्लभ संयोग नए साल की शुरुआत को मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम बना रहे हैं। आइए जानें...
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1 जनवरी 2026 के शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 1 जनवरी 2026 को बन रहे ये 9 संयोग इसे धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम बनाते हैं:
पौष माह की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि:
पंचांग के मुताबिक, नए साल के पहले दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि सुबह से लेकर रात 10:22 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। ये दोनों ही तिथियां भगवान शिव को समर्पित मानी जाती हैं।
गुरु प्रदोष व्रत:
पंचांग के मुताबिक, 1 जनवरी को गुरु प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है। यह नए साल का पहला प्रदोष व्रत है। इस दिन शिव पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गुरुवार व्रत:
पंचांग के मुताबिक, नववर्ष का पहला दिन गुरुवार भी है जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है।
शुभ योग:
पंचांग के मुताबिक, इस दिन शुभ योग भी बन रहा है जो सुबह से लेकर शाम 05:12 बजे तक रहेगा।
शुक्ल योग:
पंचांग के मुताबिक, शाम 05:12 बजे के बाद से शुक्ल योग शुरू हो जाएगा जो रात तक रहेगा। शुक्ल और शुभ ये दोनों ही योग मांगलिक और नए कार्यों को शुरू करने के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं।
रोहिणी नक्षत्र:
पंचांग के मुताबिक, साल के पहले दिन रोहिणी नक्षत्र का सुंदर संयोग बन रहा है। ये रात 10:48 बजे तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र को विकास, सुख, समृद्धि और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र शुरू होगा।
रवि योग:
नववर्ष के शुभारंभ पर रवि योग भी बन रहा है। ये 1 जनवरी की रात 10:48 बजे से शुरू होगा। रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं, और सूर्य पूजा से भक्तों का कल्याण होता है।
नंदी पर शिववास:
पंचांग के मुताबिक, 1 जनवरी को भगवान शिव का वास उनके प्रिय गण नंदी पर रहेगा। शिववास सुबह से लेकर रात 10:22 बजे तक है। ऐसे में रुद्राभिषेक कराना अत्यंत उत्तम फलदायी होता है।
वृषभ राशि में चंद्रमा:
पंचांग के मुताबिक, नए साल के पहले दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में विराजमान होंगे। वृषभ राशि का चंद्रमा शक्तिशाली होता है। यह शुभ फल प्रदान करता है। इससे लोगों के सुख, मानसिक शांति और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
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1 जनवरी 2026 के शुभ मुहूर्त
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, इन शुभ संयोगों के साथ ही 1 जनवरी को कई शुभ मुहूर्त भी रहेंगे। इनमें पूजा या कोई नया काम शुरू करना अच्छा माना जाता है:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:25 बजे से सुबह 06:19 बजे तक।
शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 07:14 बजे से सुबह 08:32 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक।
लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 12:25 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक।
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: दोपहर 01:42 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:08 बजे से दोपहर 02:50 बजे तक।
अमृत काल: शाम 07:57 बजे से रात 09:23 बजे तक।
इन शुभ मुहूर्त और 9 शुभ संयोगों में किए गए धार्मिक कार्य निश्चित रूप से साल भर सुख-समृद्धि लाएंगे जो नए साल का तोहफा होगा।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। New Year 2026
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