BHOPAL. नवरात्रि में माता रानी को खुश करने के लिए लोग कन्याओं को भोजन कराते हैं। कन्या पूजन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कन्याओं की आयु 10 वर्ष या उससे कम हो। इसके साथ उनके साथ एक बटुक को भी भोग लगाएं। कन्याओं वस्त्र, उपहार और दक्षिणा भेंट देने की परंपरा बरसों से चली आ रही है। मान्यता है नवरात्रि में मां भवानी इन छोटी कन्याओं के रूप में आशीर्वाद देने आपके घर आती हैं। इन कन्याओं को आदर के साथ घर बुलाना चाहिए और इन्हें सम्मान के साथ भोजन कराकर भेंट देनी चाहिए।
लाल वस्त्रः मंगल मजबूत होने के साथ वृद्धि का प्रतीक
नवरात्रि में आप कन्या पूजन करें तो कन्याओं को उपहार के रूप में लाल वस्त्र देने का विशेष महत्व होता है। अगर किसी वजह से आप लाल वस्त्र देने में असमर्थ है तो सभी कन्याओं को लाल रंग की चुनरी दे सकते हैं। लाल रंग को वृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इसके साथ ही लाल रंग मां की पोशाक का रंग होने के कारण भी बेहद शुभ माना जाता है। वहीं लाल रंग के वस्त्र देने से आपका मंगल भी मजबूत होता है।
मौसमा फलः घर में सुख-समृद्धि आती है
नवरात्रि का कन्या भोज या कन्या पूजन करने में कन्याओं को कम से कम एक मौसमी फल जरूर देना चाहिए। माना जाता है कि नवरात्रि में कन्याओं को फल देने से आपको आपके अच्छे कर्मों का फल कई गुना वापस होकर प्राप्त होता है। फलों में सबसे शुभ केला और नारियल को माना जाता है। माना जाता है केला विष्णुजी का प्रिय फल और नारियल यानी श्रीफल मां लक्ष्मी को प्रिय है। इन दोनों को ही दान करने से आपके घर की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
घर में बनी मिठाईः गुरु ग्रह की मजबूती बढ़ती है
कन्याभोज को करने के लिए आपको कम से कम एक मिठाई भी शामिल करनी चाहिए। अगर किसी वजह से आप मिष्ठान शामिल न कर सकें तो घर में साफ-सुथरे ढंग से बनाया हुआ सूजी या फिर आटे का हलवा भी माता का भोग लगाकर कन्याओं को खिला सकते हैं। ऐसा करने से आपके गुरु ग्रह की मजबूती बढ़ती है और मां भगवती भी आपसे प्रसन्न होती हैं।
श्रृंगार सामग्रीः सीधे माता स्वीकार करती हैं
नवरात्र में कन्या भोज कराने के बाद भेंट में कन्याओं को श्रृंगार की सामग्री भी उपहार में दे सकते हैं। यह श्रृंगार सामग्री पहले माता को अर्पित करनी चाहिए और उसके बाद छोटी-छोटी कन्याओं में बांट देनी चाहिए। मान्यता है कि कन्याओं द्वारा ग्रहण की गई श्रृंगार सामग्री सीधे माता द्वारा स्वीकार कर ली जाती है।
चावल या जीराः घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है
परंपराओं के अनुसार कन्याओं को जब विदा किया जाता है तो विदाई में उनको कोचा दिया जाता है। इस कोचे में चावल और गुड़ दिया जाता है। मान्यता है कि इससे आपके घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है। नवरात्रि में भी आप कन्या भोज करें तो विदा करते समय कन्याओं को उपहार के साथ थोड़ा सा चावल और जीरा भी देना चाहिए। इससे आपके घर में संपन्नता बढ़ती है।
सिक्केः मां लक्ष्मी आपके भंडार भर देती हैं
नवरात्रि में कन्याओं को विदा करते समय उन्हें दक्षिणा के स्वरूप कुछ रुपए-पैसे भी जरूर देने चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होती हैं और आपके भंडार भर देती हैं। हो सके तो कन्याओं को अपनी सामर्थ के अनुसार 11, 21 या फिर 51 रुपए देने चाहिए।