साल 2025 की पहली एकादशी 10 जनवरी को, नहीं करें ये काम वरना...

पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी 2025 को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से संतान सुख, लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Sandeep Kumar
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सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर माह में दो एकादशियां होती हैं, जिनमें से एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में होती है। पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष, पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है और इस दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना से जातकों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही इस व्रत के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति भी मानी जाती है।

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पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व 

पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से संतान की उम्र लंबी होती है और संतान से संबंधित सभी संकट दूर होते हैं। इसके अलावा, घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

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एकादशी के दिन इन कार्यों से बचें

पौष पुत्रदा के दिन कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। जैसे कि इस दिन तुलसी माता को जल अर्पित नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दिन तुलसी व्रत करती हैं। मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूर रहें। इस दिन चावल खाना वर्जित होता है। इसके अलावा, इस दिन किसी का अपमान न करें, वाद-विवाद से बचें और बाल या नाखून काटने से भी बचें।

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पौष पुत्रदा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त

पौष पुत्रदा की तिथि 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12:22 बजे से प्रारंभ होगी और 10 जनवरी 2025 को सुबह 10:19 बजे समाप्त होगी। पारण का समय 11 जनवरी 2025 को सुबह 7:15 बजे से लेकर सुबह 8:21 बजे तक रहेगा। इस समय के बीच कभी भी पारण किया जा सकता है।

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पौष पुत्रदा एकादशी व्रत विधि

पौष पुत्रदा के दिन उपवास रखना और भगवान विष्णु की पूजा करना मुख्य कार्य होते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के शयन स्तंभ पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें पुष्प, धूप, दीप और फल अर्पित करने से व्रत का लाभ प्राप्त होता है। साथ ही, भक्तों को संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

एकादशी के दिन लगाए इन चीजों का भोग

1. पंजीरी 

 कहते हैं कि पंजीरी का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। इसके साथ ही रिश्तों में भी मिठास बनी रहती है।

2. फल

श्री हरि विष्णु जी को मौसमी फलों का भोग लगाएं। फल में केला को जरूर रखें। फल का भोग लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों को हर क्षेत्र में अपार सफलता की प्राप्ति होती है। 

3. पंचामृत

पंचामृत के बिना भगवान विष्णु की कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। ऐसे में पौष पुत्रदा के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत जरूर अर्पित करें। कहते हैं किपंचामृत का भोग लगाने से घर में धन-धान्य में बरकत होती है। 

4. सूखे मेवे

भगवान विष्णु को सूखे मेवे भी अवश्य चढ़ाएं। सूखे मेवे में बादाम, मूंगफली, अखरोट, काजू और पिस्ता आदि चीजें आती हैं। प्रभु नारायण को सूखे मेवे अर्पित करने से घर में धन का आगमन होता है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है। 

5. मखाने की खीर

भगवान विष्णु को मखाने की खीर अर्पित करें। मखाने की खीर भगवान विष्णु को अति प्रिय है। मखाने की खीर का भोग लगाने से परिवार में खुशहाली और संपन्नता बनी रहती है।

 

 

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