पूर्णिमा व्रत 2026: साल 2026 में 12 नहीं बल्कि होंगी 13 पूर्णिमा, जानें व्रत, स्नान-दान की तारीखें और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2026 में अधिक मास होने के कारण कुल 13 पूर्णिमा तिथियां पड़ेंगी। इसकी शुभ शुरुआत 2 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ होगी। व्रत, पवित्र स्नान-दान के मुहूर्त और शरद पूर्णिमा जैसी प्रमुख तिथियों की सटीक जानकारी दी गई है।

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Kaushiki
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Latest Religious News: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत अधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2026 में भक्तों को कुल 13 पूर्णिमा तिथियों का आशीर्वाद मिलने वाला है।

नए साल की शुभ शुरुआत पौष माह की पूर्णिमा के साथ होगी। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पुण्य फल मिलता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने से घर में सुख और समृद्धि आती है।

चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होकर भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाता है। आइए जानते हैं साल 2026 (Purnima 2026 Dates) में पूर्णिमा व्रतों का पूरा कैलेंडर और समय। साल 2026 की पूर्णिमा तिथियों की लिस्ट...

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पौष पूर्णिमा: 

पंचांग के मुताबिक, साल 2026 (Purnima 2026 Dates) की पहली पूर्णिमा 2 जनवरी की शाम से शुरू होगी। इसका व्रत 2 जनवरी को होगा। स्नान-दान 3 जनवरी को किया जाएगा।

  • पौष पूर्णिमा: 3 जनवरी, दिन शनिवार

  • पौष शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 2 जनवरी, शाम 06:53 

  • पौष शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 3 जनवरी, शाम 03:32 

  • पौष पूर्णिमा व्रत: 2 जनवरी

  • पौष पूर्णिमा स्नान और दान: 3 जनवरी

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माघ पूर्णिमा: 

मान्यता के मुताबिक, इस दिन संगम पर स्नान का विशेष महत्व है।1 फरवरी की सुबह शुरू होकर अगले दिन तड़के समाप्त होगी।

  • माघ पूर्णिमा: 1 फरवरी, दिन रविवार

  • माघ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 1 फरवरी, सुबह 05:52

  • माघ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 2 फरवरी, सुबह 03:38

  • माघ पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 1 फरवरी

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फाल्गुन पूर्णिमा: 

होली का पर्व इसी पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2 मार्च को व्रत और 3 मार्च को स्नान-दान करना शुभ फलदायी रहेगा।

  • फाल्गुन पूर्णिमा: 3 मार्च, दिन मंगलवार

  • फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 2 मार्च, शाम 05:55

  • फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 3 मार्च, शाम 05:07

  • फाल्गुन पूर्णिमा व्रत: 2 मार्च

  • फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान और दान: 3 मार्च

चैत्र पूर्णिमा: 

यह दिन हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि 1 अप्रैल को सुबह शुरू होकर अगले दिन सुबह खत्म होगी।

  • चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 1 अप्रैल, सुबह 07:06

  • चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 2 अप्रैल, सुबह 07:41

  • चैत्र पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 1 अप्रैल

यहां 2025 में पूर्णिमा तिथियों की सूची देखें | MyPandit

वैशाख पूर्णिमा: 

इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। इसका व्रत और पवित्र नदियों में स्नान-दान 1 मई को एक ही दिन संपन्न किया जाएगा।

  • वैशाख पूर्णिमा: 1 मई, दिन शुक्रवार

  • वैशाख शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 30 अप्रैल, शाम 09:12

  • वैशाख शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 1 मई, शाम 10:52

  • वैशाख पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 1 मई

ज्येष्ठ अधिक पूर्णिमा: 

साल 2026 में अधिक मास होने के कारण यह अतिरिक्त पूर्णिमा है, जिसका व्रत 30 मई और स्नान 31 मई को होगा।

  • ज्येष्ठ अधिक पूर्णिमा: 30 मई, दिन शनिवार

  • ज्येष्ठ अधिक शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 30 मई, सुबह 11:57 

  • ज्येष्ठ अधिक शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 31 मई, शाम 02:14

  • ज्येष्ठ अधिक पूर्णिमा का स्नान और दान: 31 मई

  • ज्येष्ठ अधिक पूर्णिमा व्रत: 30 मई

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ज्येष्ठ पूर्णिमा: 

वट पूर्णिमा का व्रत इसी समय आता है। 29 जून की सुबह शुरू होकर अगले दिन सुबह 5:26 बजे तक रहेगी।

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा: 29 जून, दिन सोमवार

  • ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 29 जून, सुबह 03:06

  • ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 30 जून, सुबह 05:26

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 29 जून

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आषाढ़ पूर्णिमा: 

इसे गुरू पूर्णिमा कहा जाता है। गुरु पूजन और दान के लिए 29 जुलाई का दिन शास्त्र सम्मत और अत्यंत उत्तम है।

  • आषाढ़ पूर्णिमा: 29 जुलाई, दिन बुधवार

  • आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 28 जुलाई, शाम 06:18

  • आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 29 जुलाई, शाम 08:05

  • आषाढ़ पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 29 जुलाई

श्रावण पूर्णिमा: 

रक्षाबंधन का त्योहार इसी दिन मनाया जाएगा। 27 अगस्त को व्रत होगा और पूर्णिमा का स्नान अगले दिन 28 अगस्त को होगा।

  • श्रावण पूर्णिमा: 27 अगस्त, दिन बृहस्पतिवार

  • श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 27 अगस्त, सुबह 09:08

  • श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 28 अगस्त, सुबह 09:48

  • श्रावण पूर्णिमा व्रत: 27 अगस्त

  • श्रावण पूर्णिमा का स्नान और दान: 28 अगस्त

भाद्रपद पूर्णिमा: 

इसी दिन से पितृपक्ष की शुरुआत होती है। 25 सितंबर की रात से तिथि शुरू होकर 26 सितंबर की रात तक रहेगी।

  • भाद्रपद पूर्णिमा: 26 सितम्बर, दिन शनिवार

  • भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 25 सितम्बर, शाम 11:06 

  • भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 26 सितम्बर, शाम 10:18

  • भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 26 सितम्बर

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आश्विन पूर्णिमा: 

इसे कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं। 25 अक्टूबर को रात में लक्ष्मी पूजन होगा और 26 अक्टूबर को स्नान-दान होगा।

  • आश्विन पूर्णिमा: 25 अक्टूबर, दिन रविवार

  • आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 25 अक्टूबर, सुबह 11:55 

  • आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 26 अक्टूबर, सुबह 09:41

  • आश्विन पूर्णिमा व्रत, शरद पूर्णिमा: 25 अक्टूबर

  • आश्विन पूर्णिमा का स्नान और दान: 26 अक्टूबर

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कार्तिक पूर्णिमा: 

इसे देव दीपावली (गुरू पूर्णिमा) के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। 24 नवंबर को ही व्रत, स्नान और दीपदान का शुभ संयोग बन रहा है।

  • कार्तिक पूर्णिमा: 24 नवंबर, दिन मंगलवार

  • कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 23 नवंबर, शाम  11:42 

  • कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 24 नवंबर, शाम 08:23 

  • कार्तिक पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 24 नवंबर

मार्गशीर्ष पूर्णिमा: 

साल की अंतिम पूर्णिमा 23 दिसंबर को सुबह शुरू होगी। इसी दिन व्रत और दान करना आध्यात्मिक दृष्टि से श्रेष्ठ रहेगा।

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा: 23 दिसंबर, दिन बुधवार

  • मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 23 दिसंबर, सुबह 10:47 

  • मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 24 दिसंबर, सुबह 06:57 

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान: 23 दिसंबर

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डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। hindu Festival

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