वूमन फ्रेंडली महाकालेश्वर मंदिर के लिए 1100 महिला कर्मचारियों को मिलेगी स्पेशल ट्रेनिंग

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर और कॉरिडोर को वूमन फ्रेंडली बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 1100 महिला कर्मचारियों को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह पहल सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के तहत एक बड़ा जॉब अपग्रेड है।

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Kaushiki
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Mahakal temple New Rule:अगर आप अकेली महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आ रही हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत पॉजिटिव है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट डिसीजन लिया है।

अब मंदिर परिसर और पूरे कॉरिडोर को वूमन फ्रेंडली बनाया जाएगा। इस ट्रांसफॉर्मेशन  के लिए मंदिर की 1100 महिला कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ये ट्रेनिंग 15 दिनों तक रोज एक घंटे चलेगी। यह पहल महिला सुरक्षा को मजबूत करेगी।

साथ ही मंदिर में जॉब कर रही महिलाओं के स्किल्स को भी बढ़ाएगी। ट्रेनिंग 17 दिसंबर से शुरू होगी। इसमें हर रोज एक घंटे के लिए 15 दिन तक कर्मचारियों को बारी-बारी से सिखाया जाएगा।

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कौन करा रहा ये ट्रेनिंग

इस प्रोजेक्ट में तीन बड़े संस्थान एक साथ आए हैं:

  • श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति।

  • मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (Madhya Pradesh Tourism Board)।

  • सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट।

पहली बैच में मंदिर की 38 कर्मचारियों को इस ट्रेनिंग से जोड़ा जाएगा। उप प्रशासक सिम्मी यादव को इसकी नोडल अफसर बनाया गया है।

वह ट्रेनिंग के बाद फीमेल विजिटर्स का फीडबैक भी लेंगी, जो सर्विस इम्प्रूवमेंट के लिए अहम होगा। यह पहल सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना (Safe Tourism Destination Project) के अंडर की जा रही है।

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ट्रेनिंग में क्या सिखाया जाएगा

मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड, भोपाल की डॉ. रंजना मिश्रा ने बताया कि इस ट्रेनिंग का मेन फोकस कर्मचारियों को महिला अनुकूल और संवेदनशील व्यवहार सिखाना है। यह ट्रेनिंग उनकी जॉब की प्रोफाइल को मजबूत करेगी। जैसे-

  • अकेली महिला को सहयोग: 

    अकेली महिला के दर्शन-पूजन के लिए आने पर उन्हें किस प्रकार का सहयोग दिया जाए, यह सिखाया जाएगा।

  • ब्रेस्ट फीडिंग सपोर्ट: 

    जो महिलाएं ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं, उन्हें सही मदद कैसे दी जा सके।

  • बुजुर्गों का ख्याल: 

    बुजुर्ग महिलाओं को जिन्हें पैदल चलने में परेशानी होती है, उन्हें दर्शन और प्रसाद लेने में गुड फील हो, ऐसा माहौल बनाना।

यह ट्रेनिंग महिला कर्मचारियों की स्किल को अपग्रेड करके उन्हें बेहतर कस्टमर सर्विस देने के लिए तैयार करेगी।

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क्यों जरूरी हुआ ये बदलाव

डॉ. रंजना मिश्रा ने एक घटना बताते हुए इस बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने खुद महसूस किया कि परिसर में महिलाओं के साथ व्यवहार कई बार ठीक नहीं होता है।

उन्होंने प्रसाद लेने के दौरान हुई ठगी की कोशिश का उदाहरण दिया। पहले 5 रुपए का प्रसाद बताकर बाद में 80 रुपए की डिमांड की गई।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि ऐसे व्यवहार को सुधारने की जरूरत है। शुरुआत मंदिर की महिला कर्मचारियों से की जा रही है। बाद में पुरुष कर्मचारियों को भी सिखाया जाएगा ताकि मंदिर परिसर का माहौल इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का बन सके।

महाकाल मंदिर डिप्टी कलेक्टर सिम्मी यादव ने बताया कि मंदिर में आने वाली हर महिला भक्त को सुरक्षित वातावरण देने के लिए यह 15 दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह प्रोजेक्ट मंदिर के इमेज को ग्लोबल लेवल पर सुधारेगा।

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