दिवाली से पहले आ रहा पुष्य नक्षत्र, इस दुर्लभ संयोग में इन चीजों को खरीदने से होगी धन की वर्षा

दीपावली से पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र 2025 में 14 और 15 अक्टूबर को पड़ रहा है। यह दोनों दिन खरीदारी के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं, खासकर सोना, चांदी, वाहन और संपत्ति खरीदने के लिए। आइए, इस शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Kaushiki
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हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। हर महीने आने वाले इस नक्षत्र को शुभ कार्यों और नई शुरुआत के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन, दिवाली से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि यह धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है।

ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी का जन्म भी पुष्य नक्षत्र में ही हुआ था इसलिए इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य का स्थायी वास होता है।

इस साल दीपावली 2025 से पहले पुष्य नक्षत्र 14 और 15 अक्टूबर को पड़ रहा है। यह एक दुर्लभ संयोग है जब यह शुभ नक्षत्र दो दिन तक रहेगा, जिससे लोगों के पास खरीदारी के लिए पर्याप्त समय होगा।

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Photograph: (the sootr)

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पुष्य नक्षत्र में खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त

पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी, वाहन, जमीन और नए बहीखाते (खातों की किताबों) की खरीदारी करना सबसे शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी निवेश कई गुना बढ़ता है।

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पुष्य नक्षत्र: अनुकूलता, करियर, ताकत और बहुत कुछ

पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के मुताबिक,

14 अक्टूबर 202515 अक्टूबर 2025
सोना खरीदने का मुहूर्तसुबह 11:54 से पूरी रात तकसुबह 06:22 से दोपहर 12:00 बजे तक

इस शुभ नक्षत्र के साथ व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त भी बन रहे हैं, जिनका उपयोग अन्य खरीदारी के लिए भी किया जा सकता है:

  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 11:54 - दोपहर 01:33

  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ): दोपहर 03:00 - दोपहर 04:26

  • सायाह्न मुहूर्त (लाभ): रात 07:26 - रात 09:00

  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): रात 10:33 - सुबह 03:14 (15 अक्टूबर)

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पुष्य नक्षत्र का महत्व

पुष्य नक्षत्र (मां लक्ष्मी की कृपा) को ज्योतिष में बहुत ही शुभ माना गया है और इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं।

  • मां लक्ष्मी का नक्षत्र: यह माना जाता है कि यह नक्षत्र देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इस दिन घर में सोना-चांदी खरीदने का अर्थ है साक्षात मां लक्ष्मी का घर में आगमन। कहते हैं, इससे धन और समृद्धि स्थाई रूप से आपके घर में बनी रहती है।

  • निवेश के लिए सर्वोत्तम: पुष्य नक्षत्र में किए गए निवेश लंबे समय तक फलदायी होते हैं। इसीलिए लोग इस दिन संपत्ति, शेयर बाजार और अन्य वित्तीय साधनों में निवेश करना पसंद करते हैं।

  • स्थायित्व और समृद्धि: 'पुष्य' शब्द का अर्थ ही होता है 'पोषण करने वाला' या 'पोषक'। इसलिए इस नक्षत्र में किए गए कार्य स्थायी और समृद्ध होते हैं।

  • धनतेरस से पहले का महामुहूर्त: पुष्य नक्षत्र धनतेरस से कुछ दिन पहले आता है, और इसे दिवाली की खरीदारी के लिए एक तरह से 'ट्रायल रन' माना जाता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदना उतना ही शुभ है जितना धनतेरस पर खरीदना।

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किस तरह की खरीदारी करें

पुष्य नक्षत्र के दिन सभी तरह की खरीदारी शुभ होती है, लेकिन कुछ विशेष चीजें खरीदना बेहद फलदायी माना जाता है:

  • सोना और चांदी: ये दोनों ही धातुएं मां लक्ष्मी और धन से जुड़ी हैं। इस दिन सोना-चांदी खरीदने से घर में धन की वृद्धि होती है।

  • वाहन: अगर आप नया वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो पुष्य नक्षत्र का दिन इसके लिए सबसे अच्छा है।

  • संपत्ति: नया घर, जमीन या कोई भी अचल संपत्ति खरीदने के लिए यह बहुत ही शुभ मुहूर्त है।

  • इलेक्ट्रॉनिक सामान: नए मोबाइल, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी इस दिन खरीदे जा सकते हैं।

  • बहीखाते: व्यापारी इस दिन नए बहीखाते शुरू करते हैं और पुराने का नवीनीकरण करते हैं, ताकि उनके व्यापार में वृद्धि हो।

इस प्रकार, पुष्य नक्षत्र 2025 (मां लक्ष्मी का पूजन) सिर्फ एक शुभ मुहूर्त नहीं, बल्कि धन और समृद्धि को घर लाने का एक महामुहूर्त है। इस दिन की गई खरीदारी आपके जीवन में सुख और खुशहाली ला सकती है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

FAQ

दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र 2025 में कब है?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, पुष्य नक्षत्र 2025 में 14 और 15 अक्टूबर को पड़ रहा है, जो दिवाली से कुछ ही दिन पहले है। यह एक बहुत ही शुभ संयोग है, क्योंकि यह नक्षत्र दो दिन तक रहेगा, जिससे खरीदारी और शुभ कार्य करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदना क्यों शुभ माना जाता है?
ऐसी मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र मां लक्ष्मी का जन्म नक्षत्र है। सोना और चांदी को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदने का अर्थ है मां लक्ष्मी को घर आमंत्रित करना, जिससे घर में स्थायी रूप से धन और समृद्धि का वास होता है।
पुष्य नक्षत्र और धनतेरस में क्या अंतर है?
दोनों ही दिन खरीदारी के लिए बहुत शुभ हैं। पुष्य नक्षत्र हर महीने आता है, लेकिन दिवाली से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र को विशेष माना जाता है। जबकि, धनतेरस दिवाली पर्व का एक अभिन्न हिस्सा है और यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। ज्योतिषीय रूप से, पुष्य नक्षत्र में किए गए निवेश को स्थायी फलदायी माना जाता है, जबकि धनतेरस को धन और स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है।

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