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Latest Religious News:हिंदू धर्म में बाबा खाटू श्याम जी को कलयुग का अवतार माना जाता है। इन्हें भक्त 'हारे का सहारा' कहते हैं। वह महाभारत के वीर बर्बरीक हैं। इन्हें भगवान श्री कृष्ण ने श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। ऐसी मान्यता है कि बाबा श्याम के दर्शन से भक्तों के दुःख और तकलीफें तुरंत दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
खासकर एकादशी तिथि पर उनके दर्शन का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह दिन श्री कृष्ण को समर्पित है। इन दिनों राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू धाम में भक्तों की भारी भीड़ होती है।
यहां आने के लिए रींगस जंक्शन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से टैक्सी या बस से धाम पहुंचा जा सकता है। भक्तों को यहां आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
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बाबा श्याम जी की पौराणिक कथाएं
पौराणिक कथा के मुताबिक, खाटू श्याम जी का पौराणिक नाम बर्बरीक था। वो महाभारत के भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। बर्बरीक को तीन चमत्कारी बाणों का वरदान प्राप्त था। इससे वह महाभारत युद्ध को अकेले ही समाप्त कर सकते थे।
जब वह युद्ध देखने जा रहे थे, तब भगवान श्री कृष्ण ने एक ब्राह्मण का रूप धारण किया। श्री कृष्ण ने उनकी शक्ति की परीक्षा लेने के लिए उनसे शीश दान में मांगा। बर्बरीक ने हारे हुए पक्ष को सहारा देने के लिए धर्म की रक्षा हेतु सहर्ष अपना शीश दान कर दिया।
उनके महान बलिदान से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने उन्हें श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान दिया। उन्होंने कहा कि कलयुग में वह हारे का सहारा बनकर भक्तों के दुःख दूर करेंगे।
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क्या मिलता है बाबा श्याम के दर्शन से
बाबा श्याम के दर्शन को बहुत फलदायी माना गया है। उनके दर्शन से भक्तों के दुःख और तकलीफें दूर हो जाती हैं। माना जाता है कि बाबा तुरंत मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
यहां दर्शन के लिए आने से जीवन में सुख-शांति आती है। आर्थिक समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। भक्तों का अटूट विश्वास है कि बाबा श्याम से सच्चे मन से मांगने पर वह सब कुछ दे देते हैं। दर्शन से आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
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एकादशी पर बाबा के दर्शन क्यों जरूरी है
एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi) पर बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में एकादशी का दिन भगवान विष्णु और श्री कृष्ण को समर्पित है। चूंकि खाटू श्याम जी (Khatu Shyam Ji) को श्री कृष्ण का ही श्याम नाम का रूप माना गया है।
इसलिए एकादशी पर प्रसिद्ध खाटू श्यामजी दर्शन सबसे शुभ फल देते हैं। हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी को यहां मेला जैसा माहौल रहता है। इन दिनों बाबा श्याम के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। फाल्गुन मास की एकादशी को श्याम बाबा का मुख्य लक्खी मेला लगता है।
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खाटू धाम कैसे पहुंचें
खाटू श्याम जी का पवित्र धाम राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।
कैसे पहुंचे
ट्रेन से:
खाटूश्यामजी मंदिर सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है। रींगस से खाटू धाम की दूरी करीब 17 किलोमीटर है। वहाँ से आप टैक्सी या बस ले सकते हैं।
हवाई जहाज से:
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जयपुर से खाटू धाम की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। एयरपोर्ट से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
सड़क मार्ग से:
दिल्ली और जयपुर से खाटू श्याम जी के लिए सरकारी और निजी बसें आसानी से उपलब्ध हैं।
कहां रुकें
खाटू धाम में रुकने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।
धर्मशालाएं:
मंदिर के पास कई धर्मशालाएं और भक्त निवास हैं। ये कम खर्च में साफ सुथरे कमरे देते हैं।
होटल्स:
बाजार में मध्यम रेंज और प्रीमियम होटल्स भी उपलब्ध हैं।
रींगस:
अगर भीड़ से बचना है तो रींगस में भी रुक सकते हैं।
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संभावित खर्च
यातायात:
यह आपके शहर और ट्रेवल मोड पर निर्भर करेगा। जयपुर से खाटू धाम तक टैक्सी का खर्च लगभग 15 सौ रुपए से 25 सौ रुपए तक हो सकता है।
आवास:
धर्मशाला में एक दिन का खर्च 2 सौ रुपए से 5 सौ रुपए तक हो सकता है। होटल में यह खर्च 8 सौ रुपए से 25 सौ रुपए तक हो सकता है।
भोजन:
वहां भंडारे में प्रसाद मिलता है। यदि रेस्टोरेंट में खाना है तो 3 सौ रुपए से 5 सौ रुपए प्रतिदिन खर्च हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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