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सावन का महीना धार्मिक रूप से बेहद पवित्र माना जाता है। इन दिनों विशेष रूप से पूजा-पाठ किया जाता है। घर के मंदिर की साफ-सफाई की जाती है, तो वहीं घर में मौजूद सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को नए वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं।
विशेष रूप से लड्डू गोपाल का शृंगार इन दिनों जरूर किया जाता है। अगर आपके घर में भी नन्हें ठाकुर जी की प्रतिमा विराजमान है, तो सावन का महीना आते ही उन्हें विशेष रूप से तैयार करें।
मान्यता है कि श्रावण मास में लड्डू गोपाल का शृंगार करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं, सावन में लड्डू गोपाल को कैसे तैयार करें और इस विशेष शृंगार का क्या महत्व है।
सावन में लड्डू गोपाल का शृंगार
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लड्डू गोपाल के लिए विशेष पोशाक
श्रावण मास में लड्डू गोपाल के लिए नई और सुंदर सी पोशाक चुनना बेहद महत्वपूर्ण है। सावन के महीने में हरे और पीले रंग के वस्त्र पहनाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
ये रंग प्रकृति और खुशहाली का प्रतीक हैं और भगवान कृष्ण को भी प्रिय हैं। आप बाजार से सुंदर सी रेडीमेड पोशाक ला सकती हैं या चाहें तो अपनी श्रद्धा और रचनात्मकता से खुद भी तैयार कर सकती हैं। हरे रंग की पोशाक पर पीले या सुनहरे गोटे का काम बहुत ही मनमोहक लगता है।
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फूलों से बने आभूषण
वस्त्रों के साथ-साथ लड्डू गोपाल के लिए नए आभूषण भी जरूर लाएं। इन दिनों फूलों से बने आभूषण पहनाना बहुत शुभ माना जाता है। बाज़ार में फूलों के डिजाइन वाली ज्वेलरी भी मिलती है, जो आप खरीद कर ला सकती हैं।
हालांकि, ताजे फूलों से बने आभूषण ज्यादा शुभ और मनमोहक माने जाते हैं। आप लड्डू गोपाल को ताजे फूलों से बनी माला, बाजूबंद, कंगन और अन्य आभूषण पहना सकते हैं।
चमेली, गुलाब, गेंदा या तुलसी के पत्तों की माला विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। साथ ही, उनकी प्रिय बांसुरी और मुकुट पर भी एक नया और सुंदर मोरपंख लगाना न भूलें। मोरपंख भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है और यह उनकी पहचान का अभिन्न अंग है।
ऐसे करें लड्डू गोपाल का शृंगार
लड्डू गोपाल का शृंगार करते समय भक्ति और प्रेम का भाव सबसे महत्वपूर्ण है।
- पंचामृत स्नान: सबसे पहले लड्डू गोपाल को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण) से प्रेमपूर्वक स्नान कराएं। यह उन्हें शुद्ध और पवित्र करता है।
- गोपी चंदन लेप: स्नान के बाद उनके पूरे शरीर पर गोपी चंदन से लेप करें और उसे सूखने दें। चंदन की सुगंध और शीतलता उन्हें प्रिय है।
- शुद्ध जल से स्नान: जब चंदन सूख जाए, तो गंगाजल और साफ पानी की मदद से उन्हें फिर से स्नान कराएं, जिससे चंदन हट जाए।
- वस्त्र धारण: अब उन्हें सावन के शुभ हरे या पीले रंग की नई और सुंदर पोशाक पहनाएं।
- काजल और तिलक: सबसे पहले उनकी आंखों में पतली सी श्लाका से काजल लगाएं। अब उनके माथे पर वैष्णव तिलक लगाएं।
- चंदन का लेप: इसके साथ ही उनके गले, पेट और पीठ पर भी चंदन लगाएं।
- बांसुरी और आभूषण: ठाकुर जी को उनकी प्रिय बांसुरी समर्पित करें और फूलों या बाजार से लाए गए आभूषण पहनाएं। मुकुट पर मोरपंख लगाना न भूलें।
- इत्र: अंत में, उन्हें मोगरा या किसी अन्य सुगंधित फूल का इत्र लगाना न भूलें। भगवान को सुगंध बहुत प्रिय है।
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सावन में ठाकुर जी को झुलाएं झूला
सावन के महीने में ठाकुर जी को झूला झुलाना बहुत शुभ माना जाता है। यह भगवान के बाल स्वरूप के प्रति प्रेम और प्यार को दर्शाता है। बाजार में बहुत सुंदर-सुंदर झूले आपको मिल जाएंगे।
झूले को फूलों-पत्तियों और गोटा आदि की मदद से सजा लें। आप चाहें तो घर पर ही छोटे झूले को फूलों और मोतियों से आकर्षक बना सकते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि सावन में लड्डू गोपाल को झूला झुलाने से घर में सुख-संपदा बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है। यह एक ऐसा रिवाज है जो घर में आनंद और उत्सव का माहौल बनाता है।
तो सावन का महीना लड्डू गोपाल की भक्ति और शृंगार के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करता है। प्रेम और श्रद्धा से किया गया उनका हर शृंगार, हर एक सजावट ठाकुर जी को प्रसन्न करती है और उनकी असीम कृपा आपके घर और परिवार पर बनी रहती है। तो इस सावन, अपने नन्हें ठाकुर जी को सजाने में कोई कसर न छोड़ें और उनकी भक्ति में लीन हो जाएं।
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