नवरात्रि का दूसरा दिन : ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, सभी मनोकामना होंगी पूरी

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा का विशेष महत्व है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः" का जप अवश्य करें।

author-image
Sourabh Bhatnagar
New Update
Second-day-navratri-maa-brahmacharini
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Maa Brahmacharini Puja:

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व है। यह मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की विधिपूर्वक पूजा करने से मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यहां जानिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की सही विधि, मुहूर्त, शुभ रंग, मंत्र, भोग और अन्य आवश्यक बातें।

Navratri 03

Navratri 04

Navratri 05

Navratri 060

23 सितंबर 2025

“मां ब्रह्मचारिणी”

मां ब्रह्मचारिणी की कथा

पूर्वजन्म में ब्रह्मचारिणी देवी ने पर्वतों के राजा हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था। साथ ही नारदजी के उपदेश से भगवान चंद्रमौलि शिवजी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी नाम से जाना गया। 

एक हजार वर्ष तक इन्होंने केवल फल-फूल खाकर बिताए। कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे। तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं। इसके बाद तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए। ब्रह्मचारिणी कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं। पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया।

कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या की  सराहना की और कहा- हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की है। यह आप से ही संभव थी। आपकी मनोकामना परिपूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे। अब तपस्या छोड़कर घर लौट जाओ। जल्द ही आपके पिता आपको लेने आ रहे हैं। 

ये खबर भी पढ़िए...नवरात्रि का पहला दिन : मां शैलपुत्री की ऐसे करें आराधना, सभी मन्नतें होंगी पूरी

मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के मंत्र

वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥

परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥


मां ब्रह्मचारिणी प्रसाद भोग

मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही अगर आप चाहें तो ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान में चीनी दे सकते हैं। मान्यता है ऐसा करने व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मां की असीम कृपा बनी रहती है। 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त पर उठकर स्नान कर लें। 

पूजा के लिए सबसे पहले आसन बिछाएं इसके बाद आसन पर बैठकर मां की पूजा करें। 

माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं। 

ब्रह्मचारिणी मां को भोगस्वरूप पंचामृत चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। 

साथ ही माता को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें। 

इसके उपरांत देवी ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप करें और फिर मां की आरती करें।  

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्म मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

ये खबरें भी पढ़ें...

नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए लगाएं चीनी का भोग, जानें पूजा के नियम

नवरात्रि 2025 में इन देवी मंदिरों के जरूर करें दर्शन, मैहर में आज भी आती है आल्हा-ऊदल की जोड़ी!

नवरात्रि 2025 के रंग में रंगे भक्त : मैहर में भक्तों का सैलाब, देवी मंदिरों में लगे आस्था के मेले

नवरात्रि के पहले दिन सांची डेयरी प्रोडक्ट्स हुए सस्ते, पनीर, घी से लेकर इनके दाम हुए कम

नवरात्रि का दूसरा दिन शारदीय नवरात्रि Maa Brahmacharini
Advertisment