शादी के सात वचन कौन-कौन से होते हैं, समझें उनके महत्व के बारे में

शादी के सात वचन पति-पत्नी के बीच जीवनभर निभाने वाले पवित्र संकल्प हैं जो सम्मान, सहयोग और साथ निभाने की भावना को दर्शाते हैं। ये वचन रिश्ते को मजबूत और खुशहाल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

author-image
Kaushiki
New Update
SHAADI 7 VACHAN
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो लोगों का बंधन नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। इस पवित्र बंधन को और मजबूत बनाने के लिए शादी के समय सात फेरे और साथ में लिए जाने वाले सात वचन होते हैं।

ये सात वचन पति-पत्नी को जीवन भर निभाने के लिए सात पवित्र वादे होते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई बार हम इन्हें भूल जाते हैं। आइए आज हम हर वचन को विस्तार से समझते हैं। 

why do bride and bridegroom take seven saat phere round during  marriage-विवाह के समय क्यों लिए जाते हैं 7 फेरे? सात वचनों में पति- पत्नी  एक दूसरे से क्या करते हैं वादा,

धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा

ये वचन न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा हैं, बल्कि पति-पत्नी के बीच सम्मान, सहयोग और एक-दूसरे के लिए जिम्मेदारी निभाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी हैं। बदलती जीवनशैली और व्यस्तताओं के बीच, कई बार हम इन पवित्र वचनों को भूल जाते हैं, इसलिए समय-समय पर इन्हें याद करना और दोहराना जरूरी है ताकि रिश्ता हमेशा मजबूत और जीवंत बना रहे।

इसलिए जरूरी है कि इन्हें याद कर दोहराएं ताकि रिश्ते में ताजगी और मजबूती आए। ये सात वचन पति और पत्नी के बीच जीवनभर निभाने वाले गहरे संकल्प हैं। 

ये खबर भी पढ़ें... गुरु तारा के अस्त होने पर 5 महीने तक नहीं होगें विवाह और मांगलिक कार्य, जानें कारण

Gujarati Wedding Rituals: गुजराती शादी में क्यों लिए जाते हैं सिर्फ 4 ही  फेरे? | why are there only four pheras in gujarati marriage | HerZindagi

शादी के सात वचन

पहला वचन

पति-पत्नी एक-दूसरे से यह संकल्प लेते हैं कि वे एक-दूसरे की बुनियादी जरूरतों जैसे भोजन, वस्त्र और आवास का ध्यान रखेंगे। साथ ही आर्थिक और भावनात्मक सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे। यह वचन परिवार की स्थिरता की नींव है।

दूसरा वचन

इस वचन में पति-पत्नी जीवन की खुशियों और परेशानियों में एक-दूसरे का सहारा बनने का वादा करते हैं। वे एक-दूसरे के सुख-दुख में साझीदार बनेंगे और हर कठिनाई को मिलकर पार करेंगे।

तीसरा वचन

यह वचन बताता है कि दंपत्ति मिलकर मेहनत करेंगे, घर का भरण-पोषण करेंगे और आर्थिक रूप से परिवार को समृद्ध बनाएंगे। इससे परिवार में स्थायित्व और विकास सुनिश्चित होता है।

चौथा वचन

पति-पत्नी अपने-अपने परिवारों का सम्मान करेंगे और पारिवारिक संस्कारों तथा मर्यादाओं का पालन करेंगे। यह वचन पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है।

पांचवां वचन

यह वचन संतान के जन्म, पालन-पोषण और उसे अच्छे संस्कार देने का होता है। दंपत्ति मिलकर माता-पिता की जिम्मेदारी निभाएंगे और बच्चों को संस्कारित बनाएंगे।

छठा वचन

इस वचन में वे एक-दूसरे के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहने का संकल्प लेते हैं वो चाहे वह बीमारी हो, आर्थिक संकट हो या कोई अन्य चुनौती। यह विश्वास और समर्पण का प्रतीक है।

सातवां वचन

अंतिम वचन में पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ न केवल इस जीवन में बल्कि अगले जन्मों तक भी साथ रहने का संकल्प करते हैं। यह सबसे पवित्र और गहरा वादा है जो जीवन भर साथ निभाने का द्योतक है।

ये खबर भी पढ़ें... क्या है सिंधी विवाह की पारंपरिक रस्में और उनकी महत्ता

सात वचनों का आधुनिक अर्थ

आज के समय में, सात वचनों का मतलब सिर्फ शादी की रस्में नहीं बल्कि जीवन भर एक-दूसरे के साथ निभाए जाने वाले वादे हैं। इसका अर्थ है हर परिस्थिति में साथ खड़ा होना, समस्याओं को मिलकर हल करना, एक-दूसरे का सम्मान बनाए रखना।

साथ ही, बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी साझा करना, आर्थिक दायित्वों को मिलकर निभाना और परिवार के बड़े-बुजुर्गों का सम्मान और देखभाल करना भी शामिल है। ये वचन पति-पत्नी के बीच मजबूत विश्वास और सहानुभूति का प्रतीक हैं, जो रिश्ते को मजबूती और स्थायित्व देते हैं।

ये खबर भी पढ़ें... 

ज्येष्ठ मास में वट सावित्री व्रत क्यों होता है खास, जानें वट वृक्ष की पूजा विधि और महत्व

ज्येष्ठ सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें पितरों की पूजा, जीवन में होगी तरक्की

धार्मिक आस्था | धर्म ज्योतिष न्यूज | Shaadi

शादी धार्मिक आस्था धर्म ज्योतिष न्यूज विवाह Shaadi groom Bride