JAGDALPUR. पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मोहन भागवत के बयान पर कहा कि भागवत को ज्ञान और जानकारी का अभाव है। निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू के पास रामायण महाभारत है, ईसाई के पास बाइबिल है और मुस्लिम के पास कुरान है, लेकिन RSS के पास कोई ग्रंथ नहीं है, इसलिए उनके पास ज्ञान की कमी है।
भागवत ने कहा था... पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था
बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया था। मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, हमारी समाज के प्रति भी जिम्मेदारी है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया? भगवान ने हमेशा बोला है कि, मेरे लिए सभी एक हैं, उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था। भागवत ने कहा था कि, हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं, बस मत अलग-अलग हैं।
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इधर... छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया दी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। भूपेश बघेल ने कहा है मोहन भागवत कहते हैं कि पंडितों ने बनाया है... मोदी जी कहते हैं कि हिंदू कोई धर्म नहीं है। इस प्रकार की बात करने वाले लोग... बहुत लोगों ने FIR किया है। मेरे पिता के ऊपर भी FIR की गई थी, लेकिन अब क्या हो गया तथाकथित संगठन चुप क्यों है। ब्राह्मणों के खिलाफ जब कोई बयान देता था तो जो संगठन खूब हो हल्ला करती थी वह चुप क्यों है? जाति जो शब्द है वह ज्ञाती से बना हुआ है तो जो जिस काम को लेकर ज्ञान रखते थे, उनसे उनकी जात का नाम पड़ा है। छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास ने जाति को तोड़ने के लिए बहुत काम किया लेकिन हो जाति फिर बन जाती है। तो यह कहना कि जाति पंडितों ने बनाई है यह गलत होगा।
संघ ने दी थी सफाई- मराठी में पंडित का अर्थ विद्वान
आंबेकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि सर संघ चालक ने रविवार को अपने वक्तव्य में पंडित शब्द का उपयोग विद्वान के लिए किया है। मुंबई में संत रविदास जयंती के मौके पर वे मराठी में बोल रहे थे। मराठी में पंडित शब्द का उपयोग विद्वान के लिए किया जाता है। भागवत जी ने संतों की अनुभूति के आधार पर कहा कि सत्य यही है कि ईश्वर सब प्राणियों में है। रूप, नाम कुछ भी हो लेकिन योग्यता एक है। मान-सम्मान एक है और सब के बारे में अपनापन है। कोई भी ऊंचा नीचा नहीं है। शास्त्रों का आधार लेकर पंडित अर्थात विद्वान लोग जो जाति आधारित ऊंच-नीच की बात करते हैं वह झूठ है। उनका यही एग्जैक्ट स्टेटमेंट था, मुझे लगता है इसे उचित अर्थों में लिया जाए।
निश्चलानंद सरस्वती बस्तर के दौरे में पहुंचे हुए हैं
पुरी पीठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बस्तर के दौरे में पहुंचे हुए हैं। मंगलवार को जगदलपुर शहर के लाल बाग स्थित परेड ग्राउंड मैदान में आयोजित धर्म सभा में शंकराचार्य ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सरकारों द्वारा मंदिरों पर नियंत्रण करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा मठ मंदिरों की आमदनी का शासन द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही शंकराचार्य ने बिना नाम लिए प्रदेश की सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा प्रदेश में मुसलमानों को बसाने का काम राज्य सरकार कर रही है।
स्वयं वनवासी अपने आपको गर्व से हिंदू बताते हैं
अब तक देश के हिंदू राष्ट्र न बन पाने को लेकर शंकराचार्य ने पूर्ववर्ती सरकारों और राजनीतिक पार्टियां को इसका दोषी ठहराया। उन्होंने कहा धार्मिक मुद्दों पर लोग वोट न करें इसलिए राजनीतिक पार्टियां अक्सर दूसरी पार्टी नहीं बनने देती, बस्तर में हो रहे धर्मांतरण और मंत्री कवासी लखमा के बयान (आदिवासी हिंदू नहीं हैं) पर शंकराचार्य ने टिप्पणी करते हुए कहा पूर्व में भी इस तरह की बातें वनवासियों के लिए कही जाती रही हैं। लेकिन स्वयं वनवासी अपने आपको गर्व से हिंदू बताते हैं।